N1Live Himachal लालारी पशु चिकित्सालय पॉलीक्लिनिक: पशुओं के इलाज के लिए हिमाचल का एकमात्र सुसज्जित संस्थान
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लालारी पशु चिकित्सालय पॉलीक्लिनिक: पशुओं के इलाज के लिए हिमाचल का एकमात्र सुसज्जित संस्थान

Lalari Veterinary Polyclinic: Himachal's only well equipped institution for the treatment of animals

एक, 29 अगस्त हरोली विधानसभा क्षेत्र के लालारी गांव में स्थित राजकीय पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक राज्य का पहला और एकमात्र पशु चिकित्सा स्वास्थ्य संस्थान है, जहां आधुनिक नैदानिक ​​उपकरणों के माध्यम से पशुओं में रोगों और संभावित शारीरिक विकृतियों का शीघ्र पता लगाया जा सकता है, जिससे पशुचिकित्सक उनकी रोकथाम या उपचार की योजना बना सकते हैं।

पशु चिकित्सा स्वास्थ्य संस्थान पशु के शरीर में मांसपेशियों और तंत्रिकाओं द्वारा उत्पादित विद्युत गतिविधि को मापने के लिए आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक डायग्नोस्टिक परीक्षण का उपयोग करता है और इसका उपयोग यह निर्धारित करने के लिए किया जाता है कि क्या उन्हें तंत्रिका या मांसपेशी कार्य से संबंधित कोई चोट है। इस तकनीक में दो अलग-अलग प्रकार के परीक्षण शामिल हैं, अर्थात् इलेक्ट्रोमायोग्राफी और तंत्रिका चालन अध्ययन।

लालारी पशु चिकित्सा पॉलीक्लिनिक में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की एक टीम। संस्थान में कार्यरत डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि इस मशीन में हृदय संबंधी समस्याओं के निदान के लिए इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी मशीन के अलावा पेट के क्षेत्र में खराबी की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड उपकरण भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में प्रारंभिक इलेक्ट्रोग्राफ मशीनरी 2017 में स्थापित की गई थी, जबकि इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी और अल्ट्रासाउंड मशीनरी बाद में शुरू की गई।

यह संस्थान हरोली खंड के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कार्यरत है, जिसे ‘बीट एरिया’ कहा जाता है, जहाँ डेयरी फार्मिंग किसानों के लिए आय का प्राथमिक स्रोत है। चूँकि अस्पताल पंजाब सीमा के निकट स्थित है, इसलिए आस-पास के राज्य के किसान भी इस सुविधा का लाभ उठाते हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि नई तकनीक और मशीनरी की मदद से संस्थान में 17 हृदय संबंधी सर्जरी की जा चुकी हैं। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि डायग्नोस्टिक उपकरणों की मदद से 5,671 स्त्री रोग संबंधी सर्जरी के साथ-साथ 1,891 बड़ी और 6,173 जानवरों की छोटी सर्जरी की जा चुकी है।

इसके अलावा, पशु चिकित्सक ने बताया कि यह तकनीक 24,867 बीमारियों और 24,080 पैथोलॉजिकल टेस्ट का पता लगाने और उन्हें निर्धारित करने में भी सहायक रही है। उन्होंने बताया कि संस्थान के लिए एक नई एक्स-रे मशीन भी प्रस्तावित की गई है, जो हड्डियों के फ्रैक्चर और छाती के संक्रमण का सटीक निदान करेगी।

डॉ. मनोज शर्मा के साथ-साथ डॉ. अनूप रूथवाल, डॉ. नेहा चौहान और डॉ. मोनिका ठाकुर संस्थान में सर्जरी, मेडिसिन, स्त्री रोग और पैथोलॉजी के क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने वाले विशेषज्ञ हैं।

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