मलेरकोटला की डीसी पल्लवी के आह्वान पर क्षेत्र के लंबरदारों ने पराली जलाने पर रोक के संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण से दिशा-निर्देश प्राप्त करने के लिए प्रशासन द्वारा शुरू किए गए अभियान का समर्थन करने की शपथ ली।
धान उत्पादकों को अगली फसल के लिए अपने खेतों को तैयार करने के लिए कृषि अपशिष्ट और फसल अवशेषों को जलाने की कुप्रथा को छोड़ने के लिए राजी करने के अलावा, लंबरदारों ने धान के ठूंठ को आग लगाकर प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई लागू करने का बीड़ा उठाया।
लंबरदार संघ के राज्य इकाई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवान सिंह मानकी और उपमंडल अध्यक्ष जगदीश सिंह बौरहाई ने कहा कि वे उन ग्रामीणों का समर्थन नहीं करेंगे जो कृषि अपशिष्टों और फसल अवशेषों के पर्यावरण अनुकूल निपटान के संबंध में एनजीटी के दिशा-निर्देशों को लागू करने में प्रशासन का समर्थन नहीं करते हैं।
भगवान सिंह मानकी ने कहा, ‘‘हम पराली जलाने की रोकथाम के संबंध में जिला प्रशासन के जीरो टॉलरेंस लक्ष्य को प्राप्त करने में सक्रिय भूमिका निभाने का वचन देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि उनके सहयोगी उन किसानों का बचाव नहीं करेंगे जो जानबूझकर पराली को आग लगाते हैं।
मलेरकोटला, अमरगढ़ और अहमदगढ़ में एक बैठक को संबोधित करते हुए एसडीएम हरबंस सिंह और सुरिंदर कौर ने कहा कि लंबरदार गांव स्तर पर सरकार के सबसे महत्वपूर्ण पदाधिकारियों में से एक है। उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से लोगों ने इस पद के महत्व को समझना बंद कर दिया है, जिसे प्रशासन की आंख, कान और नाक के रूप में काम करना चाहिए।”
एसडीएम ने कहा कि लंबरदारों को अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर किसानों को पराली जलाने की कुप्रथा से दूर रहने के लिए प्रेरित करना चाहिए तथा क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में हो रहे किसी भी उल्लंघन के बारे में समय पर सूचना देनी चाहिए।
डीसी पल्लवी ने प्रशासन के अभियान में सहयोग देने के लिए लंबरदारों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि समय-समय पर जिला प्रशासन द्वारा आयोजित किए जाने वाले समारोहों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को सम्मानित किया जाएगा।