November 22, 2024
Haryana

भू-माफियाओं पर सरकारी जमीन बेचने का आरोप, टाउन प्लानर ने नोटिस जारी किया

करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है, जिसमें एक निजी बिल्डर ने सेक्टर 23 स्थित टीडीआई सिटी में अनिर्धारित भूमि (यूडी भूमि), पार्क, सड़कें और ग्रीन बेल्ट क्षेत्र निजी व्यक्तियों को बेच दिया।

मामला सामने आने के बाद जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) ने टीडीआई सिटी में शहरी विकास भूमि के साथ-साथ ग्रीन बेल्ट के भूखंडों की खरीद-फरोख्त करने वाले पंजीकृत भूखंड मालिकों और बिल्डर कंपनी सहित 12 लोगों को नोटिस जारी कर उन्हें 28 नवंबर को अपने दस्तावेजों के साथ कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है।

जन आवाज सोसायटी के अध्यक्ष एवं पूर्व जिला परिषद सदस्य जोगेंद्र स्वामी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री, मुख्य नगर योजनाकार एवं निदेशक ग्राम एवं नगर नियोजन, डीसी पानीपत और नगर निगम आयुक्त पानीपत को दी गई शिकायत में आरोप लगाया है कि टीडीआई सिटी में सक्रिय भू-माफियाओं ने न केवल जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) के नाम पर पंजीकृत यूडी भूमि, ग्रीन बेल्ट, पार्क क्षेत्र को प्लॉट बनाकर बेच दिया है, बल्कि सड़क भी बेच दी है। टीडीआई द्वारा यहां सेक्टर 23 में एक आवासीय सोसायटी विकसित की गई है।

टीडीआई सिटी में सक्रिय भूमाफिया ने जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) के नाम दर्ज सोसायटी में पार्क, ग्रीन बेल्ट और सड़क के लिए छोड़ी गई जमीन पर प्लाटिंग कर उसे बेच दिया था। चंडीगढ़ में माफिया ने निदेशक, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से कोई योजना मंजूरी लिए बिना ही जमीन बेचकर सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचाया

आरोप है कि तहसीलदार और राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारियों ने भू-माफियाओं से मिलीभगत कर सरकारी जमीन की बिक्री के कागजात निजी लोगों के नाम पर दर्ज कर दिए। जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) ने उन्हें 28 नवंबर को अपने दस्तावेजों के साथ कार्यालय में उपस्थित होने को कहा

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि माफिया ने चंडीगढ़ में नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के निदेशक से कोई योजना अनुमोदन प्राप्त किए बिना शहरी विकास भूमि, हरित पट्टी, पार्क और सड़कें बेचकर सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान पहुंचाया है।

स्वामी ने आगे आरोप लगाया कि एक भाजपा नेता, जो एक पूर्व पार्षद का पति है, ने नगर निगम (एमसी) के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके पार्क क्षेत्र की 1200 वर्ग मीटर जमीन की फर्जी संपत्ति आईडी बनवाई। उन्होंने आरोप लगाया कि भू-माफिया ने अधिकारियों और टीडीआई मालिकों के साथ मिलीभगत करके तीन एकड़ जमीन की फर्जी संपत्ति आईडी बनवा ली।

उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार और राजस्व विभाग के अन्य कर्मचारियों ने भू-माफियाओं के साथ मिलीभगत करके सरकारी जमीन की बिक्री के दस्तावेज निजी लोगों के नाम पर पंजीकृत कर दिए।

स्वामी ने आरोप लगाया कि टीडीआई में सर्किल रेट 23,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जबकि भू-माफिया ने राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके पार्क, यूडी भूमि और सड़कों पर प्लॉटों की बिक्री का काम मात्र 3,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से पंजीकृत करवा लिया। स्वामी ने आरोप लगाया, “यह भू-माफिया द्वारा सरकार को करोड़ों रुपये का सीधा राजस्व नुकसान है।”

शिकायत के बाद डीटीपी ने महेश फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड नामक फर्म तथा 10 अन्य निजी व्यक्तियों सहित ग्यारह लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिन्होंने प्लॉट खरीदे थे तथा उन पर भवन बनाए थे।

डीटीपी ने अपने कारण बताओ नोटिस में कहा, “आपने मेसर्स महेश फार्म प्राइवेट लिमिटेड (टीडीआई सिटी सेक्टर 23) द्वारा विकसित आवासीय प्लॉटेड कॉलोनी की अनुमोदित लेआउट योजना में निर्धारित खुले स्थान/हरित क्षेत्र और यूडी भूमि पर अनधिकृत निर्माण किया है, क्षेत्र की अवैध बिक्री की है और निदेशक, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की पूर्व अनुमति के बिना उक्त कॉलोनी के लेआउट को बदल दिया है, जो धारा 3 बी का उल्लंघन है”।

डीटीपी ने उनसे कहा कि वे भूमि पर किसी भी प्रकार का निर्माण, बिक्री व बंटवारा न करें तथा अपना पंजीकरण विलेख, आवंटन पत्र या अन्य कोई दस्तावेज प्रस्तुत कर 28 नवंबर को उनके कार्यालय में उपस्थित हों।

स्वामी ने आगे आरोप लगाया कि विभाग द्वारा केवल नोटिस जारी किए गए तथा घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

डीटीपी सुनील अंतिल ने बताया कि मामले में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए गए हैं। अंतिल ने बताया कि बिना अनुमति या वैध लाइसेंस के अतिरिक्त जमीन बेचने के लिए आज कुछ नोटिस दिए गए।

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