चंबा, 2 अगस्त भारी बारिश के बाद गुरुवार को सलूणी उपमंडल के कैला मोड़ पर हुए भूस्खलन के बाद चंबा-सलूणी मार्ग 10 घंटे से अधिक समय तक अवरुद्ध रहा, जिससे सलूणी, हिमगिरी, किहार क्षेत्रों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया।
नतीजतन, सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। भूस्खलन के कारण शुक्रवार दोपहर तक यहां कई वाहन फंसे रहे। हिमगिरी, डियूर और भंडाल किहार से चंबा जाने वाली बसें और चंबा से सलूणी जाने वाले निजी वाहन भी फंस गए।
सुबह सड़क बंद होने की खबर मिलते ही लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों ने मलबा हटाने के लिए तुरंत श्रमिकों और मशीनरी को मौके पर भेज दिया।
सलूणी-सुंडला मार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण पैदल आवाजाही भी बाधित हुई। दोनों ओर पहाड़ियों से घिरे इस क्षेत्र में लोगों के पास अवरुद्ध सड़क के बीच से गुजरने के लिए कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं बचा। नतीजतन, आपातकालीन और अन्य उद्देश्यों के लिए यात्रा करने वाले व्यक्तियों को रास्ता साफ होने तक इंतजार करना पड़ा। विभाग की मशीनरी सुबह पहुंची और राहगीरों के लिए
मार्ग साफ किया। इस बीच, कई वाहन चालकों और राहगीरों ने अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए टिकरू, हुटा और लाचोरी के माध्यम से वैकल्पिक मार्गों का चयन किया।
सुंडला-सलूनी मार्ग के पास पहाड़ी पर भूस्खलन और चट्टानों के गिरने का खतरा बना हुआ है, खासकर बरसात के मौसम में, जिससे राहगीरों और निवासियों पर लगातार खतरा मंडरा रहा है।
करीब डेढ़ साल पहले इस क्षेत्र में भूस्खलन के कारण एक रिटेनिंग दीवार गिर गई थी, जिससे करीब एक महीने तक मार्ग बंद रहा था। निवासियों और राहगीरों ने विभाग से क्षेत्र में भूस्खलन के खतरे को कम करने के लिए उचित कदम उठाने की मांग की है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता कुमुद उपाध्याय ने कहा कि गुरुवार को भूस्खलन के कारण कैला के पास मार्ग अवरुद्ध हो गया था। विभाग ने तुरंत मशीनरी और श्रम तैनात किया। उन्होंने कहा कि शुक्रवार दोपहर एक बजे तक मार्ग को वाहनों के आवागमन के लिए फिर से खोल दिया गया।
लगातार धमकी
सुंडला-सलूनी सड़क के पास की पहाड़ी पर भूस्खलन और चट्टानें गिरने का खतरा बना रहता है, खासकर बरसात के मौसम में, जिससे यात्रियों और निवासियों पर लगातार खतरा मंडराता रहता है।
करीब डेढ़ साल पहले इस क्षेत्र में भूस्खलन के कारण एक दीवार ढह गई थी, जिससे सड़क करीब एक महीने तक बंद रही थी।
निवासियों और यात्रियों ने लोक निर्माण विभाग से क्षेत्र में भूस्खलन के खतरे को कम करने के लिए उचित कदम उठाने का आग्रह किया है
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