सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी वाले कानून के लिए शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस और लाठीचार्ज का इस्तेमाल करने के लिए सरकार की आलोचना की है। उन्होंने इन कार्रवाइयों को दमनकारी बताते हुए कहा कि ये किसानों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं है। इसके बजाय, उन्होंने सरकार से किसानों के साथ बातचीत करने का आग्रह किया।
शैलजा ने एक बयान में कहा कि किसानों के एक छोटे समूह ने शंभू सीमा से अपना शांतिपूर्ण मार्च शुरू किया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें पहले तो अनुमति दी, लेकिन बाद में प्रतिबंध लगा दिए। जब 101 किसान दिल्ली की ओर बढ़ने लगे, तो पुलिस ने सरकारी आदेशों का पालन करते हुए उन्हें रोकने के लिए बल प्रयोग किया, जिसमें आंसू गैस के गोले दागना भी शामिल था। शैलजा ने कहा कि इससे भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश हुआ है, जो किसानों के कल्याण के लिए काम करने के उसके दावों के विपरीत है।
शैलजा ने हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी की इस टिप्पणी की भी आलोचना की कि दिल्ली की ओर मार्च करने वाले किसान पंजाब से हैं और पंजाब के सीएम को उनकी चिंताओं का समाधान करना चाहिए। उन्होंने इस बयान को गैरजिम्मेदाराना बताया और इस बात पर जोर दिया कि किसानों को, चाहे वे किसी भी राज्य के हों, लोकतंत्र में अपनी बात कहने का अधिकार है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एमएसपी की मांग पंजाब से नहीं बल्कि केंद्र सरकार से की गई थी और किसानों को हरियाणा से गुजरने से रोकने के लिए हरियाणा की कार्रवाई पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि सड़कें अवरुद्ध करना, खाइयां खोदना और कंटीले तार लगाना लोकतंत्र विरोधी कदम हैं। उन्होंने सरकार से किसानों से तुरंत बातचीत करने और उनकी मांगों को निष्पक्ष तरीके से हल करने का आग्रह किया।