पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान को ‘आप’ के लिए ‘तू’ कहकर संबोधित किया, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों और सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच तीखी बहस हुई। दरअसल, विधानसभा में शून्यकाल के दौरान सीएम मान विपक्ष के नेता बाजवा की टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिन्होंने कहा था कि ‘आप’ के एक विधायक ने आरोप लगाया था कि ‘आप’ नेता के कुछ रिश्तेदार नशीली दवाओं के व्यापार में शामिल थे।
सीएम मान और बाजवा के बीच क्या बहस हुई?
बाजवा के इस बयान का जवाब देते हुए सीएम मान ने कहा कि किसी राजनीतिक दल के सदस्यों के बीच मतभेद हो सकते हैं और ऐसा उनकी पार्टी कांग्रेस में भी होता है। यह बहस तब शुरू हुई जब मान ने पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह द्वारा बाजवा के खिलाफ लगाए गए कुछ पुराने आरोपों की ओर संकेत किया। इसके बाद बाजवा ने मान को उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ बाजवा की टिप्पणी पर आपत्ति जताई। मान ने बाजवा से कहा, ‘‘तू’ (अभद्र टिप्पणी) से आपका क्या मतलब है।’’ मान ने आगे बाजवा की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘उनके अहंकार को देखो।’’ इसके बाद सत्ता पक्ष और कांग्रेस के कुछ सदस्यों के बीच आसन के सामने गरमागरम बहस हुई।
पहले ही दिन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हुआ सत्र
मान और बाजवा के बीच नोंक-झोंक के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से सदन में मर्यादा बनाए रखने का आग्रह किया। स्थिति में सुधार नहीं होने पर विधासभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में शुक्रवार को सत्र के पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ घंटे बाद ही सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। यह पंजाब विधानसभा का पहला ‘पेपरलेस’ सत्र था।