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मंच पर नेता और नीचे महापुरुषों की तस्वीरें, भाजपा-झामुमो में जुबानी तकरार

Leaders on the stage and pictures of great men below, verbal altercation between BJP and JMM

झारखंड मुक्ति मोर्चा से संबद्ध झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के केंद्रीय महाधिवेशन की एक तस्वीर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।

रांची के सीएमपीडीआई परिसर स्थित रवींद्र भवन में आयोजित इस महाधिवेशन के मंच पर पार्टी के विधायक मथुरा महतो, महासचिव विनोद पांडेय सहित कई नेता और यूनियन के पदाधिकारी कुर्सियों पर बैठे थे। जबकि, डॉ. भीमराव आंबेडकर, भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिदो-कान्हू सहित कुछ अन्य दिवंगत विभूतियों की तस्वीरें नीचे की तरफ एक कतार में लगाई गई थीं।

भारतीय जनता पार्टी ने इसे शहीदों और महापुरुषों का अपमान करार देते हुए झामुमो से तत्काल माफी की मांग की है। लेकिन, झारखंड मुक्ति मोर्चा ने दावा किया है कि सभी महापुरुषों की तस्वीरों को श्रद्धा और सम्मान के साथ मंच पर प्रदर्शित किया गया था। झामुमो ने भाजपा पर झूठा और भ्रामक प्रचार करने का आरोप लगाया है।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के महाधिवेशन की तस्वीर मीडिया में जारी करते हुए कहा है कि यह बेहद शर्मसार करने वाला वाकया है और इस प्रकरण से शहीदों-महापुरुषों के प्रति झारखंड मुक्ति मोर्चा की घटिया सोच उजागर हो गई है।

उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा पूरे झारखंड में भगवान के रूप में पूजे जाते हैं। बाबा साहेब अंबेडकर संविधान के निर्माता और वंचित समुदाय के मसीहा थे। सिदो-कान्हू प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक थे। इन सबकी तस्वीरें मंच पर नीचे लगी थीं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता खुद मंच पर पांव चढ़ाकर बैठे थे।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इससे पहले भी लालू यादव के जन्मदिवस के अवसर पर उनके पैरों के पास बाबा साहेब की तस्वीर को रखा गया। लालू यादव ने ऐसा करने से मना भी नहीं किया था। इंडी गठबंधन के तमाम दलों का एक जैसा हाल है। इस घटना के उजागर होने के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के किसी भी नेता ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी है, यानी उन्हें इस कुकृत्य का कोई अफसोस नहीं है।

झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता और यूनियन के उपाध्यक्ष विनोद कुमार पांडेय ने भाजपा के आरोपों का कड़ा प्रतिवाद किया है। उन्होंने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक संवेदनशील विषय को लेकर भाजपा सस्ती राजनीति कर रही है।

उन्होंने कहा कि हमें महापुरुषों का सम्मान करना कम से कम भाजपा से सीखने की जरूरत नहीं है। कोलियरी मजदूर यूनियन के महाधिवेशन में किसी भी महापुरुष का किसी भी प्रकार से अपमान नहीं किया गया। भगवान बिरसा मुंडा, बाबा साहेब अंबेडकर, सिदो-कान्हू सहित तमाम महापुरुषों की तस्वीरें मंच की शोभा थीं और सभी को सम्मानपूर्वक लगाया गया था। भाजपा नेताओं का आरोप न केवल झूठा है, बल्कि झारखंड की जनता को गुमराह करने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। झामुमो इन महापुरुषों की विचारधारा पर चलती है और उनके बलिदानों को अपना मार्गदर्शक मानती है। हमारा पूरा संघर्ष ही उनके सिद्धांतों पर आधारित है।

झामुमो नेता ने कहा कि आदिवासी अधिकारों को कुचलने वाले भाजपा के नीति-निर्माता किस मुंह से भगवान बिरसा मुंडा और बाबा साहेब का नाम लेते हैं? असल अपमान तो तब होता है जब संविधान और सामाजिक न्याय की भावना को बार-बार कुचला जाता है। भाजपा की ओछी राजनीति झारखंड की जनता समझ चुकी है और उचित समय आने पर भाजपा को माकूल जवाब देगी।

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