जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस के मौके पर कहा कि यह दिन उन वीर पुलिसकर्मियों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने राष्ट्र की अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए।
उन्होंने कहा, “हम सभी पुलिस शहीदों की स्मृति में श्रद्धापूर्वक सिर झुकाते हैं और उन बहादुर पुलिसकर्मियों को कृतज्ञतापूर्वक याद करते हैं, जो निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की एकता और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेवा दे रहे हैं।”
उपराज्यपाल ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के साहस और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के पुलिस बल ने हर परिस्थिति में शांति बनाए रखने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपना सर्वोच्च योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस केवल एक सुरक्षा बल नहीं, बल्कि राज्य की शांति और विकास की रीढ़ है।
इसके साथ ही, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने महाराजा गुलाब सिंह की जयंती पर भी उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि महाराजा गुलाब सिंह एक दूरदर्शी शासक, उत्कृष्ट सैन्य रणनीतिकार और सांस्कृतिक मूल्यों के रक्षक भी थे।
एलजी कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, “महाराजा गुलाब सिंह को उनकी प्रेरणादायक सैन्य रणनीति, सांस्कृतिक संरक्षण, उच्च नैतिक मूल्यों और जनता के कल्याण के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने राष्ट्र सेवा और मातृभूमि के प्रति समर्पण का जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।”
एलजी सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पहचान उसकी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और वीरता की परंपरा है, जिसे महाराजा गुलाब सिंह जैसे महान व्यक्तित्वों ने मजबूत नींव दी।
महाराजा गुलाब सिंह जम्मू डोगरा राजवंश के संस्थापक और जम्मू-कश्मीर रियासत के पहले महाराजा थे। उन्होंने 1846 में अंग्रेजों और सिख साम्राज्य के बीच प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध के बाद, ब्रिटिश राज से जम्मू-कश्मीर को खरीदकर अपनी रियासत स्थापित की थी।