नूरपुर, 16 जुलाई कांगड़ा जिले के इंदौरा उपमंडल के मंड क्षेत्र के 20 गांवों की जीवन रेखा मिलवान-ठाकुरद्वारा-बरोटा संपर्क मार्ग गड्ढों से भरा पड़ा है और इसकी तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है।
मानसून के मौसम में सड़क की हालत खराब होने से निवासियों में आक्रोश पनप रहा है, जिन्होंने आरोप लगाया कि सड़क की उपेक्षा सभी सरकारों द्वारा की गई है।
13 किलोमीटर लंबी यह सड़क करीब 20 गांवों से होकर गुजरती है, जिनमें गडोथा, उलेहरियां, बसंतपुर, तेयोरा, गंगवाल, बकराडवान और टांडा मोर शामिल हैं। यह सड़क पड़ोसी राज्य पंजाब के मुकेरियां तहसील के कई गांवों को भी जोड़ती है। रात के समय इस सड़क को पार करते समय दोपहिया वाहन चालक सबसे ज्यादा गड्ढों में फंसकर दुर्घटना का शिकार होते हैं। इलाके में लगे स्टोन क्रशर से रेत और बजरी ले जाने वाले भारी वाहनों ने इस सड़क की हालत और खराब कर दी है।
मांड क्षेत्र के युवा शक्ति मंच के सदस्यों ने दुख जताया कि निवासियों की कई बार की गई अपील के बावजूद लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़क की मरम्मत नहीं कराई है।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सड़क के पुनर्निर्माण का शिलान्यास किया था, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। पता चला है कि सड़क के लिए 22 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। यह सड़क 25 साल पहले तत्कालीन स्थानीय विधायक स्वर्गीय देस राज की पहल पर बनी थी, लेकिन उसके बाद इसकी मरम्मत सिर्फ टुकड़ों में ही की गई।
इंदौरा के पीडब्ल्यूडी डिवीजन के कार्यकारी अभियंता जगतार सिंह ने बताया कि विभाग ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) चरण-3 के तहत इस सड़क के उन्नयन के लिए धनराशि आवंटित की है। उन्होंने कहा, “निविदा प्रक्रिया चल रही है। निविदा प्रक्रिया समाप्त होने के तुरंत बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। काम पूरा होने में 18 महीने लगेंगे।”