राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज मंडी जिले के जड़ोल में हिमाचल प्रदेश बागवानी उत्पाद विपणन एवं प्रसंस्करण निगम (एचपीएमसी) के फल प्रसंस्करण केंद्र में 7.51 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित नई वाइन फैक्ट्री का उद्घाटन किया। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में जन सहयोग के महत्व पर बल दिया।
नेगी ने कहा कि जादोल में मौजूदा एचपीएमसी इकाई, जो 1970 में स्थापित की गई थी, पुरानी हो चुकी है और इसमें सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना ने राज्य में कई सब्जी मंडियों और कोल्ड स्टोरेज सुविधाओं की स्थापना में मदद की है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना, जिसमें 1,200 करोड़ रुपये की पहल के तहत मंडी जिले में 200 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है, को सात जिलों में बागवानी विकास को बढ़ावा देने के लिए क्रियान्वित किया जाएगा। 1,100 हेक्टेयर में 84 क्लस्टरों वाली यह परियोजना सिंचाई, वृक्षारोपण और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए मुफ्त संसाधन उपलब्ध कराएगी।
नेगी ने कहा कि मासिक अदालतों के माध्यम से राजस्व मामलों का समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि संपत्ति विवादों के समाधान में देरी से अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, जिससे उनकी वार्षिक कार्य समीक्षा और पदोन्नति प्रभावित होगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में लोगों को गुमराह किया है और हिमाचल प्रदेश को पर्याप्त सहायता नहीं दी है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा पर राज्य के विकास के प्रति प्रतिबद्धता की कथित कमी पर निराशा व्यक्त की।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रकाश चौधरी ने कहा कि नई वाइन फैक्ट्री से क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा। पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर ने सुझाव दिया कि आम और लीची के स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए जड़ोल में एक नियंत्रित वातावरण (सीए) स्टोर स्थापित किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से क्षेत्र में बागवानी उत्कृष्टता अनुसंधान केंद्र स्थापित करने का आग्रह किया।
इस कार्यक्रम में एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक सुदेश मोक्टा और स्थानीय कांग्रेस नेता शामिल हुए।