जिन किसानों ने धान की फसल बोई है, वे चिंतित हैं, क्योंकि तापमान उच्च स्तर पर बना हुआ है तथा जुलाई में अब तक बहुत कम बारिश हुई है।
पूरनपुर गांव के किसान सुखविंदर सिंह ने बताया कि अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने के कारण धान की ऊपरी टहनियाँ सूखने लगी हैं। उन्होंने कहा, “इस समय के लिए सबसे अच्छा तापमान 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास होना चाहिए था। हर दिन बादल छाए रहते हैं, लेकिन बारिश मुश्किल से होती है। हमें अपने खेतों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल का इस्तेमाल करना पड़ता है।”
किसानों को डर है कि अगर सूखा लंबा चला तो अच्छी उपज नहीं मिलेगी। जंडियाला गांव के किसान कश्मीर सिंह कहते हैं, “धान की टहनियों के सिरे मुरझा रहे हैं। धान की वृद्धि रुक गई है। हमें बहुत सावधान रहना होगा। अधिक तापमान के कारण फसल में बीमारियों का खतरा अधिक है।”
शाहकोट के जनियां गांव के सलविंदर सिंह ने कहा, “पिछले साल हमारी फसल बाढ़ में बह गई थी। अब मौसम पूरी तरह से सूखा है। हम अपने खेतों की सिंचाई के लिए ट्यूबवेल पर निर्भर हैं।”
कृषि विशेषज्ञ डॉ. नरेश गुलाटी कहते हैं, “किसानों को चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। सूखे से कोई नुकसान नहीं होगा। उन्हें बस बीच-बीच में खेत को सुखाने और गीला करने की ज़रूरत है। आदर्श तरीका यह है कि खेतों को पूरी तरह से सींचा जाए और फिर से पानी देने से पहले उन्हें सूखने दिया जाए। इससे उन्हें भरपूर फ़सल मिलेगी।”