रोहतक की जिला जेल में बुधवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरजा कुलवंत कलसन के मार्गदर्शन में जेल लोक अदालत का आयोजन किया गया। अगस्त में आयोजित यह दूसरी जेल लोक अदालत थी।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव सह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डॉ. तरन्नुम खान की अध्यक्षता में आयोजित जेल लोक अदालत में चार मामलों की सुनवाई की गई तथा तीन कैदियों को रिहा किया गया।
अगस्त में आयोजित पहली जेल लोक अदालत के दौरान तीन मामलों की सुनवाई की गई और दो कैदियों को रिहा किया गया।
डॉ. तरन्नुम खान ने बताया कि 13 सितंबर को रोहतक कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जहां नागरिक अपने लंबित मामले रखकर आसान न्याय पा सकेंगे।
उन्होंने कहा, “बैंक, चालान, बिजली, पानी और ऐसे ही अन्य मामलों का निपटारा राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति से किया जाएगा।” उन्होंने आगे कहा कि नागरिकों को अपने लंबित मामलों का स्थायी समाधान पाने के लिए उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रस्तुत करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि लोक अदालत में निपटाए गए मामलों को किसी भी उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
इस बीच, डीएलएसए ने स्थानीय रेडियो स्टेशन से रेडियो वार्ता के माध्यम से निवासियों को 90-दिवसीय मध्यस्थता कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी।
आम जनता को रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से 90 दिवसीय मध्यस्थता अभियान की जानकारी दी गई। आम जनता को मध्यस्थता के माध्यम से अपने लंबित मामलों का शीघ्र समाधान करवाने के लिए जागरूक किया गया।
डीएलएसए सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान से जनता को काफी लाभ होगा और मामलों की संख्या में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि अभियान का उद्देश्य लंबित मामलों को मध्यस्थता के माध्यम से सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाना है।
उन्होंने कहा, “मध्यस्थता की प्रक्रिया से न केवल समय और धन की बचत होती है, बल्कि पक्षों के बीच आपसी संबंध भी बेहतर होते हैं।” राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार, देशभर में मध्यस्थता अभियान चलाया जा रहा है। यह 90 दिवसीय अभियान 30 सितंबर तक चलेगा।
यह अभियान उन मामलों के लिए है जो मध्यस्थता के योग्य हैं। इनमें पारिवारिक विवाद, भूमि विवाद, व्यावसायिक अनुबंध विवाद और उपभोक्ता मामले आदि शामिल हैं।
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