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लोकसभा चुनाव : नामांकन के आखिरी दिन पीलीभीत और रामपुर पर टिकी निगाहें

Lok Sabha elections: Eyes on Pilibhit and Rampur on the last day of nomination

लखनऊ, 27 मार्च (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण के नामांकन का आज आखिरी दिन है। रुहेलखंड की दो महत्वपूर्ण सीट रामपुर और पीलीभीत पर सियासी निगाहें टिकी है। पीलीभीत सीट से भाजपा के सांसद रहे वरुण गांधी का टिकट काट कर जितिन प्रसाद को दिया गया है। वरुण गांधी के अगले कदम का इंतजार है। वहीं रामपुर सीट पर अभी तक सपा ने उम्मीदवार नहीं उतारा है।

आजम खान के लेटर बम के चलते स्थानीय इकाई ने इलेक्शन बायकॉट करने की घोषणा की है। हालांकि अभी इस मुद्दे पर प्रदेश की तरफ से कुछ संकेत नहीं मिले हैं।

राजनीतिक जानकार बताते हैं कि जैसे रामपुर को आजम खान का गढ़ कहा जाता है, वैसे ही पीलीभीत को दूसरे गांधी परिवार का गढ़ कहा जाता है। वरुण गांधी के परिवार का पीलीभीत से रिश्ता 35 साल पुराना है। वर्ष 1989 में जनता दल से मेनका गांधी ने राजनीति की शुरुआत की थी और तराई के लोगों ने मेनका को सिर-आंखों पर बैठाया और तोहफे में जीत दी।

मेनका यहां से छह बार व वरुण दो बार सांसद रहे। 1996 से अब तक इनका परिवार ही लगातार काबिज है। वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद से चर्चाओं का दौर जारी है। वरुण पीलीभीत का चुनावी मैदान छोड़ेंगे या कोई और फैसला लेंगे, इस पर आज स्थिति स्पष्ट हो सकती है।

वहीं रामपुर सीट पर आजम ने पेंच फंसा रखा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के रामपुर से उम्मीदवार न उतारने से जेल में बंद आजम खां ने बगावत कर दी है। उन्होंने इस सीट पर चुनाव के बहिष्कार का एलान कर दिया है। इस बारे में आजम खान की ओर से रामपुर के सपा जिलाध्यक्ष अजय सागर ने मीडिया को लिखित बयान भी जारी किया है। हालांकि सपा का नेतृत्व यहां पर चुनाव लड़ना चाहता है।

उधर मुरादाबाद सीट से एसटी हसन के टिकट काटे जाने की चर्चा है। लेकिन अभी इस बारे में पार्टी की तरफ से कोई अधिकृत बयान नहीं आया है।

सपा के प्रवक्ता डॉक्टर आशुतोष वर्मा कहते हैं कि रामपुर और उसके आस पास के क्षेत्र में आजम खान साहब की पकड़ ठीक ठाक है। इसी कारण हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खुद आजमा साहब से भेंट कर विस्तृत बातचीत की है। आखिरी फैसला अखिलेश जी को लेना है। आजम साहब का जो लेटर वायरल हो रहा है, पता नहीं उनका है या नहीं, उनकी निजी राय हो सकती है। सभी लोग चाहते हैं कि रामपुर में एक बार फिर समाजवादियों का झंडा फरहराकर अपने ट्रैक को ठीक किया जाय।

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