संसदीय कार्यप्रणाली के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण के निरंतर प्रयासों के तहत लोकसभा सचिवालय ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के सक्षम मार्गदर्शन और नेतृत्व में पारदर्शिता, समावेशन और संसदीय प्रक्रियाओं की पहुंच को बढ़ाने के लिए कई पहल कीं। सोमवार को एक अनौपचारिक बैठक में कई पहलों पर विस्तार से चर्चा हुई।
सांसदों के लिए डिजिटल रूप से सशक्त कार्य परिवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लोकसभा कक्ष में प्रत्येक सीट पर मल्टीमीडिया कॉन्फ्रेंसिंग डिवाइस स्थापित किए गए हैं। संसाधनों और समय की बचत के लिए एक नई सुविधा जोड़ी गई है, जिसके अंतर्गत अब सभी सांसद अपनी उपस्थिति अपने-अपने स्थान पर लगे एमएमडी के माध्यम से दर्ज करा सकेंगे। इससे सांसदों का समय बचेगा और एक चरण की आवश्यकता समाप्त होगी।
भाषायी समावेशन और नागरिक सहभागिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में लोकसभा सचिवालय अब संसद के दैनिक कार्यसूची दस्तावेजों को एआई आधारित टूल्स की सहायता से 12 भाषाओं में प्रकाशित कर रहा है। असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल और तेलुगू। ये दस्तावेज डिजिटल संसद पोर्टल पर रियल टाइम में उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे सांसदों और देशभर के नागरिकों के लिए विधायी कार्यवाही की बेहतर समझ और व्यापक पहुंच सुनिश्चित होती है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा विकसित ‘राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन’ के अंतर्गत तैयार किए गए भाषिणी टूल के सहयोग से लोकसभा सचिवालय ने संसद की कार्यवाही के लिए एक एआई संचालित वर्बेटिम ट्रांसक्रिप्शन टूल विकसित किया है। आगामी सत्र से यह एआई सक्षम ट्रांसक्रिप्शन प्रणाली पारंपरिक वर्बेटिम रिपोर्टिंग के समानांतर कार्य करेगी, जिससे कार्यवाही को अधिक सटीकता, गति और बहुभाषीय समर्थन के साथ दर्ज किया जा सकेगा।
इस पहल का दीर्घकालिक उद्देश्य है कि एआई सक्षम ट्रांसक्रिप्शन को मुख्यधारा में लाया जाए, जिससे लोकसभा में हो रही बहसों और चर्चाओं की रियल टाइम बहुभाषीय पहुंच और दक्षता में वृद्धि हो।