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वाराणसी के स्कूलों में शुरू हुई ‘महाकुंभ’ पाठशाला, बच्चों को बुकलेट के माध्यम से कराया जा रहा अवगत

'Maha Kumbh' Pathshala started in schools of Varanasi, children are being informed through booklets

वाराणसी, 25 जनवरी । संगम नगरी प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी है। इस बार का महाकुंभ इसलिए भी खास है, क्योंकि यह 144 साल बाद आया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित प्राइमरी स्कूलों में महाकुंभ की भव्यता और दिव्यता के बारे में छात्रों को अवगत कराया जा रहा है।

दरअसल, वाराणसी प्रशासन द्वारा एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है, जिसके तहत वाराणसी के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को महाकुंभ के धार्मिक महत्व के बारे में बताया जा रहा है। इसके चलते उन्हें 10 पेज की एक बुकलेट भी दी गई है। इतना ही नहीं, करीब आधे घंटे तक चलने वाली कक्षा में महाकुंभ के बारे में बताया जाता है।

छात्रा स्नेहा ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “आज हमारी कक्षा में महाकुंभ के बारे में पढ़ाया गया। इस दौरान हमें बताया गया कि महाकुंभ, अर्धकुंभ और कुंभ में क्या अंतर है। इसके साथ ही एक बुकलेट भी दी गई है, जिसे पढ़ने के लिए कहा गया है।”

छात्र शिवम ने कहा, “महाकुंभ से संबंधित एक बुकलेट हम सभी छात्राओं को पढ़ने के लिए दी गई है। इसमें महाकुंभ के बारे में जानकारियां मौजूद हैं, जो बताती है कि कैसे समुद्र मंथन हुआ और किस तरह से अमृत कलश से कुछ बूंदें धरती पर जा गिरी। हमें यह भी बताया गया है कि जिस जगह पर अमृत की बूंदें गिरी हैं, उनमें प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार शामिल है।”

सीडीओ हिमांशु नागपाल ने आईएएनएस से बातचीत में बताया कि हमने एक बुकलेट तैयार की है, जिसमें महाकुंभ के इतिहास, महत्व, अमृत मंथन और वर्तमान में चल रहे महाकुंभ के बारे में जानकारी दी गई है। हमने सभी स्कूलों में इस बुकलेट को बंटवाया है, जिसके माध्यम से लगभग तीन सप्ताह तक छात्रों को कक्षा में पढ़ाया जाएगा। हालांकि, बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को इससे छूट दी गई है।

उन्होंने कहा, “महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा मेला है। महाकुंभ से जुड़ी पाठशालाओं का हर विद्यालय में आयोजन किया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद एक क्विज का भी आयोजन होगा और इसके तहत अच्छी जानकारी रखने वाले बच्चों को सम्मानित किया जाएगा। इसका यही उद्देश्य है कि हर व्यक्ति, हर बच्चा और हर परिवार महाकुंभ से जुड़े और उसे इसकी पूरी जानकारी हो।”

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