N1Live Uttar Pradesh महाकुंभ 2025 : संविधान गैलरी का उद्घाटन, श्रद्धालुओं को मिलेगी अहम जानकारियां
Uttar Pradesh

महाकुंभ 2025 : संविधान गैलरी का उद्घाटन, श्रद्धालुओं को मिलेगी अहम जानकारियां

Mahakumbh 2025: Constitution Gallery inaugurated, devotees will get important information

महाकुंभ नगर, 16 जनवरी । महाकुंभ 2025 प्रयागराज के अंतर्गत त्रिवेणी मार्ग पर सजाई गई संविधान गैलरी का गुरुवार को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उद्घाटन किया। मंत्री के साथ उपस्थित अतिथियों ने इस अवसर पर संविधान गैलरी में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

संविधान गैलरी में भारतीय संविधान पर आधारित पुस्तकों और ग्रंथों का एक पुस्तकालय भी सजाया गया है। उद्घाटन समारोह के अवसर पर भारतीय सेना के बैंड ने ‘वंदे मातरम’ समेत कई देशभक्ति गीतों की धुन पर संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति जेजे मुनीर उपस्थित रहे, जबकि अध्यक्षता दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम ने की।

उद्घाटन समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने कहा कि संविधान से सारे देश का संचालन होता है। कोई भी समाज संविधान और विधियों के बिना नहीं चलता है। संविधान गैलरी जैसे प्रयासों से नई पीढ़ी को इसके बारे में अवगत कराने में मदद मिलेगी। मुझे आशा है कि ऐसे प्रयत्न आगे भी चलते रहेंगे।

मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि विश्वविख्यात समागम में इस गैलरी को आयोजित कर यह प्रयास किया गया है कि मेले में आने वाले लोगों को संविधान के निर्माण, लागू होने और इसके अनुच्छेद के बारे में जानकारी हो। ऑडियो के माध्यम से आप विषय के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल कर सकते हैं। संविधान ऐसा दस्तावेज है, जिससे हमारी पूरी शासन व्यवस्था संचालित होती है। संविधान में संशोधन की प्रक्रिया दी गई है, जिससे समाज की आवश्यकता के अनुसार संशोधन किया जा सके। हमारी सरकार ने जन भावनाओं के अनुसार इसमें संशोधन किया। एक पार्टी ने लगातार 55 वर्षों तक निजी हितों के लिए संविधान में संशोधन किए। इन लोगों ने संविधान की मूल भावना को बदल दिया।

दिव्य प्रेम सेवा मिशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम ने कहा कि आजकल संविधान की प्रतियां मंच पर खूब लहराई जाती है। उनके घर में संविधान की मूल प्रति भी नहीं होगी। उन्होंने संविधान पढ़ा भी नहीं होगा। इसकी पहली प्रति हाथ से लिखी गई थी। एक प्रति हिंदी में लिखी गई थी और एक प्रति अंग्रेजी में लिखी गई थी।

संविधान गैलरी में लगी प्रदर्शनी में चित्रों और प्रतिकृतियों के माध्यम से भारतीय संविधान के निर्माण से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाओं, दस्तावेजों और व्यक्तित्वों के योगदान के बारे में जानकारी प्रदर्शित की गई है। यहां ऑडियो के माध्यम से संविधान सभा की बहसों को प्रस्तुत किया जा रहा है।

Exit mobile version