प्रयागराज, 29 जनवरी। उत्तर प्रदेश में सत्ता के दुरुपयोग का एक चौंकाने वाला उदाहरण सामने आया है। महाकुंभ नगर में एक कांस्टेबल ने आईएएनएस संवाददाता के साथ दुर्व्यवहार किया और उसका माइक्रोफोन छीनने की कोशिश की। संवाददाता कुंभ मेला मैदान में हुई भगदड़ की स्थिति को कवर कर रहा था, जिसमें कुछ श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और कई घायल हैं।
आईएएनएस संवाददाता गौरव पांडे बुधवार दोपहर मौनी अमावस्या स्नान के अवसर पर अखाड़ों की गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे थे, तभी पुलिस कांस्टेबल ने उनके साथ हाथापाई की।
यह घटना महाकुंभ नगर के सेक्टर-20 में हुई, जहां आईएएनएस संवाददाता नया उदासीन निर्वाण पंचायती अखाड़े के संतों से जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे थे।
आईएएनएस टीम पर पुलिस की ज्यादती कैमरे में कैद हो गई, जिसमें पुलिसकर्मी महाकुंभ कवरेज में बाधा डालने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो पर सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया हो रही है, जिसमें कई लोगों ने पुलिस कांस्टेबल द्वारा किए गए ‘हमले’ की निंदा की है।
गौरतलब है कि मौनी अमावस्या स्नान महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण स्नान में से एक है, क्योंकि इस पावन अवसर पर लाखों-करोड़ों तीर्थयात्री पवित्र शहर में पवित्र स्नान करने के लिए एकत्रित होते हैं। राज्य प्रशासन ने अकेले मौनी अमावस्या पर ही करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया है। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 26 जनवरी को महाकुंभ की शुरुआत के बाद से अब तक 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं।
मेला ग्राउंड में आज सुबह उस समय भगदड़ मच गई, जब श्रद्धालु और संत पवित्र स्नान के लिए संगम की ओर बढ़ रहे थे। टेंट सिटी में श्रद्धालुओं की अचानक उमड़ी भीड़ के कारण अफरा-तफरी मच गई। कथित तौर पर उनमें से कुछ ने ‘संगम’ तक पहुंचने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए जिससे वहां भगदड़ मची। भगदड़ में कई श्रद्धालु मारे गए और 30 से अधिक घायल हो गए।
प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की और स्थिति को संभाला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से नजदीकी घाट पर डुबकी लगाने और ‘संगम नोज’ न जाने का आग्रह किया। अखाड़ों को भी उनके टेंट में वापस भेज दिया गया और भीड़ कम होने के बाद डुबकी लगाने के लिए कहा गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए योगी आदित्यनाथ से तीन बार बात की।