February 23, 2025
National

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और उसके भाई को दो साल की सजा, फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल कर सीएम कोटे से हड़पे थे फ्लैट

Maharashtra government minister and his brother sentenced to two years imprisonment, they had usurped flats from CM quota using fake documents

महाराष्ट्र के कृषि मंत्री और एनसीपी नेता माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे को नासिक की जिला अदालत ने गुरुवार को सजा सुनाई है। कोर्ट ने साल 1995 और 1997 के दौरान फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करके मुख्यमंत्री कोटे के तहत दिए गए फ्लैटों को हड़पने के मामले में उन्हें दो साल की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

हालांकि, नासिक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने फैसले के दो घंटे बाद ही कृषि मंत्री कोकाटे को 15 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी।

कोर्ट ने उन्हें सत्र न्यायालय में अपील करने के लिए 30 दिन का समय भी दिया है। कोकाटे ने संकेत दिया है कि वह नासिक जिला अदालत के फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। वह अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से नासिक जिले की सिन्नर विधानसभा से विधायक हैं।

दरअसल, पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई पिछले कई साल से नासिक जिला न्यायालय में चल रही थी।

याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि मुख्यमंत्री कोटे से सरकार की ओर से कम आय वाले व्यक्ति को कम दर पर फ्लैट मुहैया कराया जाता है। इसके लिए संबंधित व्यक्ति को एक हलफनामा और जरूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं, जिसमें यह बताना होता है कि उसके नाम पर कहीं भी फ्लैट नहीं है।

हालांकि, माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे ने 1995 और 1997 के दौरान कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज जमा करके नासिक शहर के कनाडा कॉर्नर इलाके में निर्माण व्यू अपार्टमेंट में मुख्यमंत्री के कोटे से दो फ्लैट हासिल किए थे। इतना ही नहीं, इस इमारत के अन्य दो फ्लैट को दूसरे लोगों ने लिया था, जिसका इस्तेमाल भी कोकाटे भाइयों द्वारा किया जा रहा था।

तत्कालीन अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने जांच की थी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर फ्लैट हासिल करके सरकार को धोखा देने के आरोप में माणिकराव कोकाटे, उनके भाई सुनील कोकाटे और दो अन्य के खिलाफ आईपीसी 420, 465, 471, 47 के तहत सरकारवाड़ा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया था।

गुरुवार को नासिक जिला अदालत में इस मामले की सुनवाई पूरी हो गई। सरकारी वकील एडवोकेट पूनम घोडके ने सरकार की ओर से अदालत में बहस की। मामले में दो अन्य आरोपियों को सबूतों के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया है।

जांच में पता चला कि संबंधित लोगों के फ्लैट का इस्तेमाल कोकाटे बंधुओं द्वारा भी किया जा रहा था। इस फैसले ने कोकाटे की विधायकी और मंत्री पद को खतरे में डाल दिया है। निर्धारित नियमों के अनुसार, अगर जनप्रतिनिधि को दो या उससे अधिक साल की सजा होती है तो उसे अयोग्य घोषित किया जा सकता है, जिसके कारण उसे विधायकी और मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

हालांकि, जिला न्यायालय के आदेश के आधार पर कोकाटे की अयोग्यता पर फैसला लेने में विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका भी अहम है। लेकिन, जिला न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद कोकाटे ने राहत की सांस ली है।

वहीं, कांग्रेस ने कोकाटे के इस्तीफे की मांग की है। कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने मांग की है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को कोकाटे का इस्तीफा तुरंत लेना चाहिए। किसानों को भिखारी कहने वाले कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे को न्यायालय ने दो साल की सजा सुनाई है। मुख्यमंत्री को उनका इस्तीफा वापस लेना चाहिए।

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