मुंबई, 16 अप्रैल । महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने तब राहत की सांस ली जब निर्दलीय विधायक प्रकाश अवाडे ने सोमवार को घोषणा की कि वह कोल्हापुर जिले की हातकणंगले सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
2019 के विधानसभा चुनाव में इचलकरंजी सीट से बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुने गए अवाडे महाराष्ट्र में महायुति सरकार का समर्थन कर रहे हैं।
अवाडे को समय पर शिंदे के हस्तक्षेप का फायदा मिला। उन्होंने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए वोट मांगने के खातिर शनिवार को चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया था। उन्होंने शिवसेना उम्मीदवार धैर्यशील माने के लिए काम करने की घोषणा की है।
कोल्हापुर जिला कलेक्टर के कार्यालय में माने द्वारा नामांकन दाखिल किए जाते समय अवाडे शिंदे और अन्य शिवसेना नेताओं के साथ थे।
अवाडे द्वारा हातकणंगले से चुनाव लड़ने की एकतरफा घोषणा के बाद शिवसेना चिंतित थी। शिंदे ने शनिवार को अवाडे के साथ मैराथन बैठक की थी, लेकिन इसके बावजूद वह अपने फैसले पर अड़े रहे।
पार्टी का मानना था कि अगर वह मैदान में बने रहे तो इससे माने की चुनावी संभावनाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
अवाडे के चुनाव नहीं लड़ने के फैसले से माने को शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार सत्यजीत पाटिल, स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के संस्थापक राजू शेट्टी, शेतकरी संगठन के नेता रघुनाथ पाटिल और वंचित बहुजन अघाड़ी के उम्मीदवार डीसी पाटिल से लड़ाई का सामना करना पड1 रहा है।
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