मुंबई, 21 मार्च । महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के पांच लोकसभा क्षेत्रों में नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस बीच महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के अंदर कलह को दूर करने में जुट गए हैं।
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल को मनाने के लिए उनसे बात की। दरअसल बारामती निर्वाचन क्षेत्र में अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा उम्मीदवार सुनेत्रा पवार की जीत के लिए उनकी सक्रिय भागीदारी जरूरी थी, जहां उनका मुकाबला शरद पवार की बेटी और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले से है।
फडणवीस का हस्तक्षेप जरूरी था। हालांकि, पाटिल भाजपा का दामन थाम चुके हैं, लेकिन वह 2014 में इंदापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव और 2019 के चुनावों में राकांपा (यूनाइटेड) उम्मीदवार दत्ता भरणे से अपनी हार को अभी तक नहीं भूले हैं।
पाटिल ने 2014 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए। उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा था।
पाटिल और पवार के बीच प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है। इसलिए, देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को पाटिल और उनके बच्चों के साथ एक बैठक की। उन्होंने उन्हें मतभेदों को दूर करने और सुनेत्रा पवार की जीत के लिए अजीत पवार के साथ बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया।
हर्षवर्धन पाटिल ने बारामती लोकसभा सीट का हिस्सा ‘इंदापुर’ के अपने समर्थकों से बात करने के बाद अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
भिवंडी सीट पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री कपिल पाटिल को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया। हालांकि, पाटिल और मुरबाड़ से भाजपा विधायक किसन कथोरे के बीच मतभेद पहले भी दोनों के बीच सुलह के प्रयासों के बावजूद सामने आए हैं।
पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों को जल्द ही पाटिल और कथोरे को शांत करने के लिए भेजा जाएगा, ताकि पाटिल जीत हासिल कर सकें।
भाजपा उत्तरी महाराष्ट्र के रावेर, जलगांव और धुले लोकसभा क्षेत्रों के घटनाक्रम पर करीब से नजर रख रही है। यहां पार्टी कार्यकर्ताओं के एक वर्ग ने पार्टी की पहली सूची में घोषित उम्मीदवारों के खिलाफ आपत्ति जताई है।
पार्टी ने एक बार फिर पूर्व भाजपा नेता एकनाथ खडसे की बहू रक्षा खडसे को उम्मीदवार बनाया है, जबकि जलगांव में मौजूदा सांसद उन्मेश पाटिल की जगह सुमिता वाघ को मैदान में उतारा है। इसी तरह, धुले निर्वाचन क्षेत्र में मौजूदा सांसद सुभाष भामरे को फिर से उम्मीदवार बनाए जाने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई है।
हालांकि, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी जीत सुनिश्चित करने के लिए इन तीन निर्वाचन क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं को साथ लेने को लेकर बहुत आशावादी है।
माधा निर्वाचन क्षेत्र में, भाजपा और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के नेताओं ने मौजूदा सांसद रणजीत सिंह नाइक निंबालकर के दोबारा नामांकित करने का विरोध किया।
इसी तरह, फडणवीस के करीबी विश्वासपात्र और महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने सोलापुर जिले के अकलुज के पूर्व मंत्री विजयसिंह मोहिते-पाटिल और उनके समर्थकों से मुलाकात की।
उन्होंने उनसे मतभेद खत्म करने और रणजीत सिंह नाइक निंबालकर का समर्थन करने की अपील की। रामराजे निंबालकर और मोहिते पाटिल दोनों ने फडणवीस को अपने समर्थकों से बात करने और अपना फैसला बताने का आश्वासन दिया है।
वहीं कांग्रेस ने भले ही अभी तक सहयोगी दलों राकांपा शरदचंद्र पवार और शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के साथ सीट-बंटवारे पर मुहर नहीं लगाई है, लेकिन चंद्रपुर जिले में उम्मीदवारी को लेकर मतभेद सामने आ गए हैं।
कांग्रेस विधायक प्रतिभा धानोरकर ने एक्स पर अपने पोस्ट के जरिए पहले ही चंद्रपुर सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी है। हालांकि, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार के समर्थक उनकी बेटी शिवानी को चंद्रपुर सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाने की मांग कर रहे हैं।
राज्य पार्टी प्रमुख नाना पटोले ने दोनों के पास पहुंचकर आलाकमान के फैसले को स्वीकार करने की अपील की है।
इसके अलावा, मौजूदा सांसद राजेंद्र गावित के दोबारा नामांकन को लेकर पालघर निर्वाचन क्षेत्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा के बीच मतभेद सामने आए हैं।
भाजपा और शिंदे गुट ने अपने कार्यकर्ताओं के विचारों को समझने के लिए बैठकें की हैं। उम्मीद जताई है कि वे दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के फैसले का पालन करेंगे।
इसी तरह, शिवसेना यूबीटी और कांग्रेस नेताओं को सांगली निर्वाचन क्षेत्र में अपने-अपने कार्यकर्ताओं को शांत करना मुश्किल हो रहा है। कांग्रेस ने भाजपा उम्मीदवार संजयकाका पाटिल के खिलाफ पहलवान चंद्रहार पाटिल को मैदान में उतारने की शिवसेना यूबीटी की एकतरफा घोषणा का कड़ा विरोध किया है।
कांग्रेस ने सांगली सीट पर अपना दावा ठोकते हुए पूर्व मुख्यमंत्री वसंतदादा पाटिल के पोते विशाल पाटिल को उम्मीदवार बनाने का संकेत दिया है। कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी अभी तक आम सहमति पर नहीं पहुंच पाए हैं जिससे दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता बेचैन हैं।