नई दिल्ली, 25 दिसंबर । दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा घोषित ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान’ और ‘संजीवनी योजना’ को लेकर विवाद उठ खड़ा हो गया है। भाजपा ने इसे फर्जी योजना करार दिया है।
भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “केजरीवाल कितना बड़ा फ्रॉड कर रहें है दिल्ली की बहनों के साथ। एक तरफ केजरीवाल महिलाओं के फॉर्म भरवा रहें है दूसरी तरफ दिल्ली सरकार का आज के अखबारों में नोटिस देखिए। दिल्ली सरकार खुद विज्ञापन दे रही है कि ऐसी कोई योजना नहीं और ये फॉर्म फर्जी हैं। वाह रे फर्जीवाल।”
कपिल मिश्रा ने वीडियो संदेश भी जारी किया। इसमें कहा, ”एक तरफ तो अरविंद केजरीवाल खुद 2,100 में फॉर्म भरवा रहे हैं और दूसरी तरफ उन्हीं की दिल्ली सरकार अखबारों में सार्वजनिक नोटिस छपवा रही है कि महिलाओं के लिए ऐसा कुछ नहीं है। अगर कोई ऐसे फॉर्म भर रहा है, तो वे धोखे का शिकार हो रहे है।”
वहीं दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “यह बेहद दुखद है कि दिल्ली सरकार बिल्कुल वह सब कर रही है जो डिजिटल फ्रॉडस्टर करते हैं। बिना नोटिफिकेशन की स्कीम ला कर जनता को खासकर महिलाओं एवं बुजुर्गों को गुमराह कर रहे हैं। इतिहास में पहली बार है कि मुख्यमंत्री और सत्ताधारी दल 10 साल की सत्ता के बाद झूठी योजनाएं घुमा रहे हैं और जनता को गुमराह होने से बचाने के लिए अधिकारियों को अपना कर्तव्य निभाते हुए जनता को जागरूक करने के लिए “सार्वजनिक चेतावनी” जारी करनी पड़ी है। हम मुख्यमंत्री आतिशी से कहते हैं वह संवैधानिक पद पर हैं। वह स्पष्ट करें कि क्या दिल्ली सरकार की कोई कानूनी अप्रूव्ड “महिला सम्मान “या “संजीवनी” योजना हैं?”
दिल्ली सरकार ने हाल ही में इन योजनाओं का ऐलान किया था, जिनका उद्देश्य महिलाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना था। हालांकि संबंधित विभाग ने एक नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट किया कि ये योजनाएं अभी तक दिल्ली में आधिकारिक तौर पर लागू नहीं की गई हैं।
एक सार्वजनिक नोटिस में दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने कहा है कि उन्हें मीडिया रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से जानकारी मिली है कि एक राजनीतिक दल ‘मुख्यमंत्री महिला सम्मान’ के तहत दिल्ली की महिलाओं को 2100 रुपये प्रति माह देने का दावा कर रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने आज राष्ट्रीय समाचार पत्रों में जारी सार्वजनिक नोटिस में कहा है कि यह स्पष्ट किया जाता है कि दिल्ली सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना अधिसूचित नहीं की गई है।
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