नई दिल्ली, 16 मार्च । लोकसभा चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा से एक दिन पहले पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है।
तृणमूल कांग्रेस के बागी नेता और पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से मौजूदा लोकसभा सांसद अर्जुन सिंह के साथ-साथ तमलुक से लोकसभा सांसद दिब्येंदु अधिकारी ने शुक्रवार को भाजपा का दामन थाम लिया।
भाजपा मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम और पश्चिम बंगाल भाजपा के सह प्रभारी एवं भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय और अन्य नेताओं की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं अर्जुन सिंह और दिब्येंदु अधिकारी ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
दुष्यंत गौतम ने दोनों नेताओं का भाजपा में स्वागत करते हुए कहा कि आज जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से विकास कर रहा है और दुनिया भर में भारत की साख बढ़ रही है, उसी तरह से देश में भाजपा का भी विस्तार हो रहा है। राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक विपक्षी राजनीतिक दलों के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल की जो हालत है, वह सबको पता है।
अमित मालवीय ने अर्जुन सिंह और दिब्येंदु अधिकारी का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि यह दोनों पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता हैं और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। इन दोनों नेताओं के भाजपा में शामिल होने से यह स्पष्ट संदेश नजर आ रहा है कि ममता बनर्जी राज्य को नेतृत्व देने में असफल रही हैं। संदेशखाली में महिलाओं के साथ हुए अत्याचार और राज्य में भ्रष्टाचार से पीड़ित होकर इन दोनों सांसदों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल आज परिवर्तन के लिए आतुर है और राज्य के कई नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा के साथ जुड़ना चाहते हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद दिब्येंदु अधिकारी ने कहा कि संदेशखाली अब बंगाल का नहीं बल्कि सारे देश का मुद्दा है। भाजपा एकमात्र राजनीतिक दल है, जो पीड़ित महिलाओं के पास पहुंची है, पीड़ित महिलाओं के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि आज बंगाल में कानून का शासन पूरी तरह से खत्म हो गया है। भाजपा के एक कार्यकर्ता के तौर पर वह भी आगामी लोकसभा चुनाव में 400 पार के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मेहनत करेंगे।
भाजपा में शामिल होने के बाद अर्जुन सिंह ने ममता सरकार पर बड़े पैमाने पर विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि अपने कार्यकर्ताओं को बचाने के लिए उन्होंने थोड़े समय के लिए भाजपा से दूरी बना ली थी, लेकिन संदेशखाली की घटना सामने आने के बाद उन्होंने फिर से भाजपा से संपर्क किया।
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कई संदेशखाली हैं, जहां पर महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही पश्चिम बंगाल का उद्धार होगा और राज्य में ममता सरकार का अंत भी होगा। उन्होंने यह भी कहा कि देश में सीएए लागू होने से पश्चिम बंगाल के लोग बहुत खुश हैं।
आपको बता दें कि तृणमूल कांग्रेस सांसद दिब्येंदु अधिकारी पश्चिम बंगाल भाजपा के दिग्गज नेता सुवेंदु अधिकारी के भाई हैं। वहीं, अर्जुन सिंह की बात करें तो, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भी वह भाजपा में शामिल हुए थे। उस समय भाजपा ने उन्हें बैरकपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था। अर्जुन सिंह भाजपा टिकट पर चुनाव जीत कर सांसद बने थे, लेकिन 2022 में वह फिर से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। हालांकि, लोकसभा के रिकॉर्ड के अनुसार वह आधिकारिक तौर पर अभी भी भाजपा के सांसद हैं क्योंकि उन्होंने लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था।