October 30, 2025
Haryana

मानेसर भूमि घोटाला सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ भूपेंद्र हुड्डा की याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Manesar land scam: HC reserves verdict on Bhupinder Hooda’s plea against CBI court order

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने कथित मानेसर भूमि घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा दायर याचिका पर आज अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

हुड्डा ने पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें मामले की सुनवाई स्थगित करने की उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी, जिससे उनके और अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का रास्ता साफ हो गया था। हुड्डा द्वारा दायर याचिका में विशेष सीबीआई न्यायाधीश द्वारा 19 सितंबर को पारित आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी और अगली सुनवाई पर आरोप तय करने का निर्देश भी दिया था।

हुड्डा ने तर्क दिया कि निचली अदालत का आरोप तय करने का फैसला अवैध था, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सह-आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इसलिए, अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करना “मुकदमे को अलग-अलग हिस्सों में बांटने” के समान होगा, जो अवैध था।

हुड्डा की ओर से पेश वकीलों ने तर्क दिया कि विशेष अदालत ने उनकी अर्जी केवल इस आधार पर खारिज कर दी कि सर्वोच्च न्यायालय ने केवल उन आरोपियों की कार्यवाही पर रोक लगाई है जिन्होंने विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की थीं। हुड्डा सहित कई पूर्व अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, जो विशेष सीबीआई अदालत में लंबित है।

केंद्रीय एजेंसी ने सितंबर 2015 में जांच शुरू की थी और 2018 में हुड्डा समेत 34 लोगों के खिलाफ 80,000 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि सरकारी उद्देश्यों के नाम पर गुरुग्राम जिले के मानेसर और आसपास के गांवों के किसानों से सस्ते दामों पर सैकड़ों एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन बाद में रियल एस्टेट कंपनियों, बिल्डरों और कॉलोनाइजरों को बेहद रियायती दरों पर जमीन के लाइसेंस जारी कर दिए गए।

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