मुंबई, 12 मई । एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे को स्ट्रीमिंग शो ‘द ब्रोकन न्यूज’ के दूसरे सीजन के लिए काफी सराहना मिल रही है। वह हिंदी सिनेमा की उन एक्ट्रेसेस में से एक हैं, जिन्होंने देश की अलग-अलग फिल्म इंडस्ट्रीज में काम किया है।
तमिल, मराठी, कन्नड़ और तेलुगु सिनेमा में काम करने के अनुभव के बारे में एक्ट्रेस ने कहा कि उनके लिए फिल्म इंडस्ट्री में काम करते समय भाषा एक बड़ी चुनौती थी, और उस समय उन्हें लगता था कि वह भी फिल्म की टीम के सदस्यों के साथ थोड़ा और घुले-मिलें।
एक्ट्रेस ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “हम 1990 के दशक में पैन-इंडिया नहीं कहते थे, हमने सिर्फ राज्यों में अलग-अलग फिल्में बनाते थे। मैंने मराठी सिनेमा में एक फिल्म की है, ‘अनाहत’। यह एक शानदार कहानी थी। मैंने एक अद्भुत तमिल फिल्म की है, यह इंटरनेट पर बेस्ड लव स्टोरी थी। वह ऐसा समय था जब लोग साइबर कैफे में जाते थे। मैंने कन्नड़ फिल्में और तेलुगु फिल्में भी की हैं। सबसे बढ़कर, मुझे तेलुगु सिनेमा में काम करने में मजा आया। वे बहुत अच्छे लोग हैं।”
सोनाली बेंद्रे ने आगे कहा, ”दिन भर के अच्छे काम के बाद रचनात्मकता, संतुष्टि की भावना, सभी फिल्म सेट पर एक समान है। मुझे लगता है कि एकमात्र अंतर भाषा का है। दुर्भाग्य से, मैं सभी भाषाएं नहीं जानती थी और उन फिल्मों के सेट पर लोगों से ज्यादा बातचीत नहीं कर पाता थी। मैं शब्दों का अर्थ तो जानती थी, लेकिन भाषा को आत्मविश्वास के साथ सहजता से बोलने में मैं बहुत घबरा जाती थी। यह मेरे लिए हिंदी सिनेमा की तुलना में चार गुना ज्यादा काम जैसा था।”
‘सरफरोश’, जिसमें वह बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के साथ नजर आईं, हिंदी सिनेमा में गेम-चेंजर बनकर उभरी। दिलचस्प कहानी और बेहतरीन कास्टिंग के चलते दर्शकों के दिलों में आज भी इसकी अपनी अलग जगह है।
फिल्म से जुड़ी अपनी सबसे प्यारी यादों के बारे में बात करते हुए, एक्ट्रेस ने कहा कि कई बार उन्हें ऐसा महसूस हुआ, “क्या हम एक डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग कर रहे हैं?” लेकिन, फिल्म में उनके किरदार ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि यह एक पूरी तरह से कमर्शियल फिल्म है।
एक्ट्रेस ने कहा, “‘सरफरोश’ एक बहुत ही खास फिल्म है, खासकर निर्देशक जॉन मैथ्यू मैथन की वजह से। मैंने और जॉन ने विज्ञापन फिल्मों में बड़े पैमाने पर काम किया था। कई बार हमें ऐसा लगता था, ‘क्या हम एक डॉक्यूमेंट्री बना रहे हैं?’ लेकिन, यह फिल्म में मेरे और आमिर खान के किरदारों के बीच म्यूजिक और बॉन्डिंग थी, जिसने हमारे विश्वास को मजबूत किया कि हम एक कमर्शियल बॉलीवुड फिल्म बना रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आमिर एक परफेक्शनिस्ट हैं और उनके साथ स्क्रीन शेयर करना अच्छा अनुभव है।
सोनाली ने कहा, ”ऐसे समय में जब हिंदी फिल्में लॉजिस्टिक्स और समय की कमी के बावजूद ठीक-ठाक काम कर रही थीं, ‘सरफरोश’ एक ऐसी फिल्म के रूप में खड़ी हुई, जिसने फिल्मों के निर्माण और स्टोरीज को सेल्युलाइड पर बताए जाने के मामले में सिनेमा के रुख को बदल दिया।”