कुरुक्षेत्र के नैसी गांव के पास मारकंडा नदी में दरार आने से कृषि क्षेत्रों में बाढ़ आ गई। नैसी और आसपास के गांवों की लगभग 500-700 एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई, जिससे गांव के निवासियों और किसानों में दहशत फैल गई।
सूचना मिलने के बाद सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और दरार को भरने का काम शुरू किया।
नैसी निवासी पंजाब सिंह कहते हैं, “पहले नदी का बहाव सुचारू रूप से चलता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से नदी उफान पर है और तटबंधों को तोड़ रही है। पानी खेतों में घुस जाता है और फसलों को नुकसान पहुंचाता है। 2023 में गांव में बाढ़ आई थी और प्रशासन से बार-बार अनुरोध किया गया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।”
स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी के तेज बहाव के कारण तटबंध टूट गया है और प्रशासन को इस समस्या का स्थायी समाधान निकालना चाहिए ताकि किसानों का नुकसान कम से कम हो। तटबंधों को मजबूत किया जाना चाहिए।
सिंचाई विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मारकंडा में पानी वापस पंप किया जा रहा है तथा दरार को भरने के प्रयास जारी हैं।
इसी तरह जलबेरा गांव के पास भी एक दरार की खबर है, जिसके कारण 50-60 एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं। सिंचाई विभाग के एक जूनियर इंजीनियर ने बताया कि पानी का स्तर कम होने लगा है। दरार को भरने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
नैसी पहुंचे पेहोवा के एसडीएम कपिल शर्मा ने प्रभावित किसानों और निवासियों से इस मुद्दे पर चर्चा की और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही दरार की मरम्मत कर दी जाएगी।
शर्मा ने कहा, “नैसी के पास मारकंडा में दरार आ गई है, जिसके कारण करीब 500-700 एकड़ कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। ताजा अलर्ट जारी किया गया है और उम्मीद है कि नदी दिन में अपने प्राकृतिक मार्ग पर ही रहेगी। किसानों को धान के खेतों में पानी भरने के कारण कुछ नुकसान हो सकता है। नुकसान का आकलन किया जाएगा। पानी निकालने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।”
Leave feedback about this