अजमेर, 7 मार्च । ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी द्वारा क्रिकेटर मोहम्मद शमी को लेकर दिए बयान पर अजमेर दरगाह के खादिम सैयद अफसान चिश्ती ने गुरुवार को प्रतिक्रिया दी।
दरअसल, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा था कि मोहम्मद शमी ने पवित्र रमजान के महीने में रोजा नहीं रखा। क्रिकेटर ने रोजा न रखकर बहुत बड़ा गुनाह किया है, शरीयत की नजर में वह मुजरिम हैं। मौलाना के इस बयान पर सैयद अफसान चिश्ती ने गुरुवार को प्रतिक्रिया देते हुए वीडियो बयान में कहा, “मोहम्मद शमी हमारे देश के लिए खेल रहे हैं। वो हमारे भारत में गौरव हैं। जब पूरा देश भारतीय टीम की चैंपियंस ट्रॉफी में कामयाबी के लिए दुआ कर रहा है, ऐसे में मौलाना शहाबुद्दीन बरेलवी जैसे लोग सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि बेवजह की बयानबाजी से परहेज करें और इस्लाम की बदनामी न करवाएं। जो कोई रोजा रख रहा है या नहीं रख रहा है यह उसके और अल्लाह के दरमियान का निजी मामला है। किसी को भी किसी के ऊपर किसी भी तरह का फतवा जारी करने का कोई हक नहीं है।
सैयद अफसान चिश्ती ने कहा कि मोहम्मद शमी सफर में हैं और सफर में बंदे को रोजे में छूट होती है। यह इस्लाम का कानून है। वो इतने बड़े मौलाना हैं तो उन्हें इस चीज का इल्म होना चाहिए, समझ होनी चाहिए और बेतुके बयानबाजी से परहेज करना चाहिए। हम तमाम भारतवासी मोहम्मद शमी और भारतीय टीम के जितने भी खिलाड़ी हैं उन सब की कामयाबी की दुआ करते हैं। भारतीय टीम के खिलाड़ी हमारे देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
बता दें कि मौलाना शहाबुद्दीन ने मोहम्मद शमी के रोजा नहीं रखने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि इस्लाम ने रोजे को फर्ज करार दिया है और अगर कोई शख्स जानबूझकर रोजा नहीं रखता है तो वह निहायत गुनाहगार है। ऐसे ही क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने किया है, उन्होंने रोजा नहीं रखा, जबकि रोजा रखना उनका वाजिब फर्ज है। रोजा न रखकर मोहम्मद शमी ने बहुत बड़ा गुनाह किया है, शमी शरीयत की नजर में मुजरिम हैं।