N1Live Uttar Pradesh मायावती ने विरोधियों पर साधा निशाना, ‘कुछ लोग बहकावे में पार्टी से हो जाते हैं अलग लेकिन…’
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मायावती ने विरोधियों पर साधा निशाना, ‘कुछ लोग बहकावे में पार्टी से हो जाते हैं अलग लेकिन…’

Mayawati targeted the opponents, 'Some people get misled and leave the party but...'

लखनऊ, 30 अप्रैल । बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सोमवार को विरोधी दलों पर तीखा हमला बोला। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान व आत्म-सम्मान के मिशन को सत्ता तक पहुंचाने में बीएसपी पूरी तरह समर्पित है और पार्टी में कार्यकर्ताओं के आने-जाने को लेकर जो भी फैसले होते हैं, वे निजी नहीं, बल्कि पार्टी और आंदोलन के हित में लिए जाते हैं।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कुछ विरोधी पार्टियों के षड्यंत्र के तहत कई बार पार्टी के कुछ कार्यकर्ता बहकावे में आकर अनुशासनहीनता या पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो जाते हैं। ऐसे में पार्टी हित में उन्हें बाहर करना पड़ता है। हालांकि, जब वे अपनी गलती का एहसास कर वापस लौटना चाहते हैं और उन्हें पुनः पार्टी में शामिल किया जाता है, तो कांग्रेस, भाजपा व अन्य विरोधी पार्टियां इसे “आया राम, गया राम” कहकर बसपा की छवि को धूमिल करने की कोशिश करती हैं।

पार्टी ने आरोप लगाया कि जब यही प्रक्रिया विरोधी दलों द्वारा अपनाई जाती है, तो वे इसे “पार्टी हित में उठाया गया कदम” कहकर सामान्य बना देते हैं। बसपा ने इसे विरोधी दलों का दोहरा मापदंड करार दिया और अपने कार्यकर्ताओं को सतर्क रहने की अपील की है।

पार्टी ने साफ किया कि बीएसपी में अनुशासन और संगठनात्मक प्रतिबद्धता सर्वोपरि है और कोई भी निर्णय व्यक्तिगत हितों से नहीं, बल्कि मूवमेंट व संगठन की मजबूती के लिए लिया जाता है।

इससे पहले मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर कांग्रेस और भाजपा की तरह दलितों और बहुजनों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने सपा की कथित जातिवादी नीतियों और विश्वासघात की घटनाओं का जिक्र करते हुए बसपा के समतामूलक समाज स्थापित करने के मिशन को रेखांकित किया था।

मायावती ने पोस्ट में लिखा था, “कांग्रेस, भाजपा आदि की तरह सपा भी बहुजनों में से खासकर दलितों को इनका संवैधानिक हक देकर इनका वास्तविक हित, कल्याण व उत्थान करना तो दूर, इनकी गरीबी, जातिवादी शोषण व अन्याय-अत्याचार आदि खत्म करने के प्रति कोई सहानुभूति/इच्छाशक्ति नहीं है, जिस कारण वे लोग मुख्यधारा से कोसों दूर हैं।”

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