हाल ही में हुए एमबीबीएस परीक्षा घोटाले के मद्देनजर पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज रोहतक (यूएचएसआर) के अधिकारियों ने परीक्षा प्रोटोकॉल को सख्त कर दिया है। विश्वविद्यालय ने विभिन्न जिलों में स्थित पांच निजी मेडिकल कॉलेजों के पूरक प्रायोगिक परीक्षा केंद्रों को स्थानांतरित कर दिया है।
पहले संबंधित निजी संस्थानों में आयोजित की जाने वाली व्यावहारिक परीक्षाएं अब 26 अप्रैल को सैद्धांतिक परीक्षाओं के समापन के बाद निकटवर्ती सरकारी मेडिकल कॉलेजों में आयोजित की जाएंगी।
सूत्रों ने बताया कि यह कदम दो निजी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के एमबीबीएस परीक्षा घोटाले में कथित रूप से संलिप्त होने के बाद उठाया गया है, जिसमें कर्मचारियों की मदद से विश्वविद्यालय की गोपनीयता शाखा से उत्तर पुस्तिकाओं को बाहर ले जाया गया था, फिर से प्रयास किया गया था, और उत्तीर्ण अंक प्राप्त करने के लिए उन्हें फिर से जमा किया गया था।
इस संबंध में हाल ही में यूएचएसआर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय द्वारा पीजीआईएमएस-रोहतक, एसएचकेएम राजकीय मेडिकल कॉलेज, नल्हड़ (मेवात) और कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, करनाल के निदेशकों को एक औपचारिक विज्ञप्ति जारी की गई है।
सरकारी संस्थानों के विभागाध्यक्षों को बाहरी परीक्षकों के साथ समन्वय स्थापित करने और मेरिट या अनुक्रम के अनुसार प्रायोगिक परीक्षाएं निर्धारित करने के लिए कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि उन्हें परीक्षक पैनल को अंतिम रूप देने और निजी कॉलेजों को तदनुसार सूचित करने की भी आवश्यकता है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभी व्यावहारिक परीक्षाएं 10 मई तक पूरी कर ली जानी चाहिए और परिणाम तुरंत विश्वविद्यालय के पोर्टल पर अपलोड किए जाने चाहिए। यूएचएसआर के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, “हम हर संभावित खामियों को दूर करके पारदर्शिता और परीक्षा की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
‘परीक्षा की ईमानदारी को सुदृढ़ बनाना’
“केंद्रों में बदलाव परीक्षा की शुचिता को मजबूत करने के लिए एक सक्रिय कदम है। तीन निजी कॉलेजों के छात्र अब पूरक परीक्षाओं के लिए पंडित बीडी शर्मा पीजीआईएमएस, रोहतक में अपने प्रैक्टिकल देंगे, जबकि अन्य दो के छात्र कल्पना चावला सरकारी मेडिकल कॉलेज, करनाल में परीक्षा देंगे।” – अधिकारी, पंडित बीडी शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज, रोहतक

