November 23, 2024
Chandigarh

चंडीगढ़ नगर निगम ने ‘स्वच्छ भारत दिवस’ और ‘गांधी जयंती’ के उपलक्ष्य में स्वच्छ उत्सव का आयोजन किया

सफाईमित्रों के प्रति आभार व्यक्त करने और उन्हें सम्मानित करने के लिए, नगर निगम चंडीगढ़ ने रानी लक्ष्मी बाई महिला भवन, सेक्टर 38 में ‘स्वच्छ भारत दिवस’ और ‘155वीं गांधी जयंती’ का आयोजन किया, जिसमें शहर को साफ रखने में उनके अटूट समर्पण और अथक प्रयासों को मान्यता दी गई।

पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया इस शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि थे। उन्होंने सफाई मित्रों को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित किया और स्वच्छता ही सेवा अभियान में उनकी सक्रिय भागीदारी और योगदान के लिए स्वच्छता चैंपियन (युवा), महिला एसएचजी और अन्य हितधारकों को प्रशंसा प्रमाण पत्र भी प्रदान किए।

इस अवसर पर महापौर कुलदीप कुमार, प्रशासक के सलाहकार राजीव वर्मा, आईएएस, स्थानीय निकाय सचिव मंदीप सिंह बराड़, आईएएस, नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह, वरिष्ठ उप महापौर कुलजीत संधू, उप महापौर राजिंदर शर्मा, क्षेत्रीय पार्षद योगेश ढींगरा, नगर निगम के अन्य पार्षद और अधिकारी तथा सिटी ब्यूटीफुल के नागरिक भी उपस्थित थे।

राज्यपाल ने सफाईमित्रों के अमूल्य योगदान पर जोर दिया तथा उनकी ईमानदारी और समर्पण की गहरी सराहना की।

उन्होंने कहा कि स्वच्छता ईश्वरीय भक्ति के बाद दूसरे स्थान पर है, यह महात्मा गांधी द्वारा प्रतिपादित मूल्य है, तथा स्वच्छता की उनकी विरासत को आगे बढ़ाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।

उन्होंने सभी से स्वच्छ सर्वेक्षण में चंडीगढ़ की रैंकिंग बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

राज्यपाल ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि स्वच्छ भारत दिवस एक ऐसा दिन है जो स्वच्छ और कचरा मुक्त भारत बनाने की दिशा में सफाईमित्रों की प्रतिबद्धता को मान्यता देने के लिए समर्पित है। उनकी दृढ़ता और समर्पण हम सभी को प्रेरित करते हैं, एक स्वच्छ, स्वस्थ और अधिक टिकाऊ भविष्य को प्राप्त करने में सामूहिक प्रयासों के महत्व को रेखांकित करते हैं।

शहर के मेयर कुलदीप कुमार ने सफाईमित्रों और उनके परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया तथा शहर को स्वच्छ रखने के लिए उनके दिन-रात के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान के सफल समापन में सभी हितधारकों के योगदान की भी सराहना की।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष का अभियान, जिसका विषय “स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता” है, नागरिकों के जीवन में निहित एक क्रिया और आदत के रूप में स्वच्छता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

महापौर ने बताया कि 17 से 30 सितंबर के बीच 155 स्थानों पर स्वच्छता अभियान चलाए गए, जिनमें आवासीय क्षेत्र, वाणिज्यिक स्थल, सार्वजनिक शौचालय और अपनी मंडियां शामिल थीं, जिससे यह सुनिश्चित हुआ कि शहर का हर हिस्सा स्वच्छता की भावना को प्रतिबिंबित करे।

नगर निगम आयुक्त विनय प्रताप सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि स्वच्छ उत्सव सफाईमित्रों के असाधारण प्रयासों का प्रमाण है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों, स्कूलों, गैर सरकारी संगठनों और नागरिकों सहित सभी हितधारकों के सहयोग की सराहना की, जिन्होंने अभियान की सफलता में योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि एमसीसी ने विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर इस पहल को एक सच्चे जन आंदोलन में बदल दिया है।

नगर निगम अपने सभी कार्यक्रमों में शून्य अपशिष्ट दृष्टिकोण की वकालत करता है। स्वच्छ भारत दिवस का आयोजन इन शून्य अपशिष्ट सिद्धांतों के अनुरूप किया गया था, जिसमें फूलों की सजावट, एलईडी स्क्रीन बैकड्रॉप, कांच के बने पदार्थ, जुड़वां कूड़ेदानों की उपलब्धता और पर्यावरण के अनुकूल स्मृति चिन्ह शामिल थे।

17 सितंबर को अभियान की शुरुआत मानव श्रृंखला निर्माण के साथ की गई, जिसमें 2,000 सफाईमित्रों और स्वच्छता शुभंकर, स्वच्छ मानव ने भाग लिया, जिससे स्वच्छता अभियान में एकता प्रदर्शित हुई।

कुल 15 स्वच्छता लक्ष्य इकाइयों (सीटीयू) की पहचान की गई और प्रत्येक को सफाईमित्रों और नागरिक स्वयंसेवकों द्वारा अच्छी तरह से साफ किया गया, जिससे सामुदायिक भागीदारी की शक्ति का प्रदर्शन हुआ।

होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र के सहयोग से कैंसर जांच शिविर के माध्यम से सफाईमित्रों की भलाई पर ध्यान केंद्रित करते हुए सफाईमित्र सुरक्षा शिविर का आयोजन किया गया। शहर के लिए अथक परिश्रम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चिकित्सा जांच सहित इसी तरह के शिविर पूरे महीने जारी रहेंगे।

सेक्टर 14 की नाइट फूड स्ट्रीट को स्वच्छ फूड स्ट्रीट में तब्दील कर दिया गया, जिसमें शून्य अपशिष्ट मापदंडों का पालन किया गया तथा यह दर्शाया गया कि किस प्रकार सार्वजनिक स्थानों को टिकाऊ प्रथाओं के साथ जोड़ा जा सकता है।

स्वच्छ सांस्कृतिक महोत्सव में स्वयं सहायता समूहों द्वारा पर्यावरण अनुकूल उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, साथ ही नुक्कड़ नाटक, अपशिष्ट से कला प्रदर्शनियां, तथा सफाईमित्र परिवारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिससे रचनात्मकता और स्थिरता के मिश्रण को बढ़ावा मिला।

एसएचएस अभियान के तहत, 1 अक्टूबर को पूरे शहर में “क्लॉथ बैग लंगर” का आयोजन किया गया, जिसमें स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा बनाए गए 5,000 कपड़े के थैले वितरित किए गए। इस पहल ने पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया और सार्थक काम के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाया।

इसके अतिरिक्त, एमसीसी को “वेस्ट-टू-आर्ट” इंस्टालेशन, “आई लव चंडीगढ़” का अनावरण करने पर गर्व है, जिसे पुनर्नवीनीकृत सामग्रियों और त्यागे गए लाइट फ्रेम से बनाया गया है, जो कचरे को संसाधनों में बदलने के महत्व का प्रतीक है।

आज स्वच्छता ही सेवा अभियान के समापन के साथ ही, स्वच्छता के प्रति एमसीसी की प्रतिबद्धता जारी रहेगी। स्वच्छता एक सतत प्रक्रिया है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पिछले पखवाड़े के प्रयास हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन जाएं। चंडीगढ़ के सफाईमित्रों, स्वयं सहायता समूहों और नागरिकों ने एक उल्लेखनीय उदाहरण पेश किया है, और अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम इस विरासत को एक स्वच्छ, हरित और अधिक टिकाऊ शहर के लिए जारी रखें।

आइए हम प्रतिदिन स्वच्छता की भावना को अपनाएं तथा अधिक स्वच्छ एवं टिकाऊ चंडीगढ़ का निर्माण करें।

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