कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में गुरुवार को ‘उभरते माइक्रो/नैनो-इलेक्ट्रॉनिक्स: उपकरण, प्रौद्योगिकी और वीएलएसआई डिजाइन’ (ईएमएनई-2024) पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान विभाग द्वारा गुरुग्राम विश्वविद्यालय के सहयोग से किया जा रहा है।
केयू के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि यह सम्मेलन भारत को सेमीकंडक्टर चिप निर्माण में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के देश के दृष्टिकोण के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत सेमीकंडक्टर मिशन जैसी विभिन्न पहलों पर काम किया है।
प्रोफेसर सचदेवा ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि केयू के शोध विद्वान और संकाय सदस्य ऐसी पहलों का अधिकतम लाभ उठाएंगे और अनुसंधान कार्य और सेमीकंडक्टर माइक्रोचिप्स के निर्माण में योगदान देंगे।
गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकी में कुशल मानव संसाधन और विशेषज्ञता के माध्यम से सेमीकंडक्टर चिप निर्माण के क्षेत्र में एक अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र बनाया जा सकता है।
इस सत्र के मुख्य वक्ता भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के प्रोफेसर नवकांत भट्ट ने कहा कि प्रौद्योगिकी उन्नति का भविष्य माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स पर निर्भर करता है, जो चिप प्रौद्योगिकी पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि जल्द ही, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स अंततः इंजीनियरिंग अध्ययन के सबसे प्रमुख क्षेत्रों में से एक के रूप में उभरेगा, जिसमें दुनिया भर में इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरों की पर्याप्त मांग होगी।
इलेक्ट्रॉनिक विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मुकेश कुमार ने इस सम्मेलन की रूपरेखा साझा की।