रोहतक जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मंगलवार को होने वाली बैठक स्थगित कर दी गई है। रोहतक के उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने आज यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित बैठक, जो 12 नवंबर को होनी थी, अगले आदेश तक स्थगित कर दी गई है, क्योंकि मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में लंबित है।’’
उन्होंने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा सीओसीपी संख्या 4238/2024 में जारी निर्देशों की अनुपालना में 12 नवंबर को अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में बैठक आयोजित करने के लिए 6 नवंबर को नोटिस जारी किया गया था।
उपायुक्त ने बताया कि इस बीच, उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने सीडब्ल्यूपी संख्या 30290-2024 में आदेश पारित किया, जिसके तहत 6 नवंबर के नोटिस के संचालन पर रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी सभी संबंधितों को भेज दी गई है।
जिला परिषद अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक पहले दो बार स्थगित हो चुकी थी। रोहतक जिला परिषद (जेडपी) के अधिकांश सदस्यों ने 6 सितंबर को परिषद अध्यक्ष मंजू हुड्डा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी।
इस संबंध में परिषद के 14 सदस्यों में से 10 द्वारा हस्ताक्षरित एक अभ्यावेदन प्रस्तुत किया गया। इस बीच, जिला परिषद अध्यक्ष मंजू हुड्डा ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में रोहतक जिले के गढ़ी-सांपला-किलोई निर्वाचन क्षेत्र से दो बार के मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था।
चुनाव के बाद, अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में 23 अक्टूबर को एक बैठक बुलाई गई। हालाँकि, बैठक नहीं हो सकी क्योंकि बैठक के लिए निर्धारित तिथि पर तत्कालीन उपायुक्त अजय कुमार बीमार पड़ गए।
इसके बाद बैठक 30 अक्टूबर को आयोजित की जानी तय हुई। हालाँकि, 30 अक्टूबर की बैठक भी इस आधार पर रद्द कर दी गई कि परिषद के पांच सदस्यों को सदन की बैठक में भाग लेने से रोक दिया गया था।
परिषद सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन राज्य सरकार के राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है, जो परिषद अध्यक्ष को बचाना चाहती है। इस बीच, परिषद की एक महिला सदस्य नीलम खत्री ने परिषद अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसके पक्ष में वोट देने के लिए उसके बेटे का अपहरण करवा दिया।
खत्री द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर के आधार पर परिषद अध्यक्ष मंजू हुड्डा और उनके पति राजेश उर्फ सरकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि, परिषद अध्यक्ष मंजू हुड्डा ने इन आरोपों को निराधार, राजनीति से प्रेरित तथा उनकी छवि खराब करने वाला बताया है।