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कर्ज न चुकाने पर माइक्रो फाइनेंस कंपनी ने महिला के बेटे को बनाया बंधक, 14 दिन बाद पुलिस ने छु़ड़ाया

Micro finance company held woman's son hostage for non-payment of loan, police rescued him after 14 days

रांची, 9 मार्च । झारखंड के गढ़वा में एक माइक्रो फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने समय पर कर्ज न चुका पाने पर एक महिला के 12 वर्षीय बेटे अनिश कुमार को बंधक बना लिया। इसकी शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने उसे 14 दिनों बाद शुक्रवार शाम को मुक्त कराया।

पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर निगम यादव को गिरफ्तार कर किया, जिसे शनिवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। कंपनी के दो अन्य कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

गढ़वा के भवनाथपुर थाना क्षेत्र की आशा देवी ने दो साल पहले महिला समूह के माध्यम से माइक्रो फाइनेंस कंपनी से 40 हजार रुपये कर्ज लिया था। इसमें से उन्होंने 22 हजार रुपये जमा कर दिये थे। 18 हजार रुपये बकाया रह गये थे। बकाया रकम को चुकाने के लिए फाइनेंस कंपनी का मैनेजर निगम यादव लगातार उन पर दबाव बना रहा था, लेकिन पैसों का जुगाड़ नहीं होने की वजह से वे कर्ज नहीं चुका पा रही थीं।

नाबालिग अनीश ने बताया कि दो हफ्ते पहले वह और उसकी बड़ी बहन घर में अकेले थे। उस दौरान बैंक के अफसर उसकी मां को खोजने आये। मां को खोजने के बहाने उन लोगों ने उसे गाड़ी पर बैठाया और नगर उंटारी हेन्हों मोड़ के पास स्थित ब्रांच में ले गये, जहां उसे बंधक बना लिया गया।

इसके बाद उसकी मां को सूचना दी गई कि जब तक बकाया पैसे नहीं लौटाओगी, तब तक बेटा हमारे कब्जे में रहेगा। इस दौरान बच्चे से नौकरों वाले काम कराये जाते थे। इसकी शिकायत मिलने पर नगर एसडीपीओ सत्येंद्र नारायण सिंह ने पुलिस की टीम गठित कर बालक को फाइनेंस कंपनी के हेन्हों मोड़ के पास स्थित ब्रांच से मुक्त कराया।

अनीश ने बताया कि बैंक का कर्मचारी उमाशंकर तिवारी उसके साथ मारपीट करता था। उससे गंदे कपड़े और जूठे बर्तन साफ कराये जाते थे। शराब पीने के बाद उससे बोतलें भी फिंकवाते थे। उसे धमकी दी जाती थी कि तुम्हारी मां ने कर्ज नहीं चुकाया, तो तुम्हारी किडनी और आंखें निकाल कर बेच देंगे।

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