N1Live Himachal मंत्री ने एनएचएआई-ठेकेदारों की मिलीभगत का आरोप लगाया, गडकरी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया
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मंत्री ने एनएचएआई-ठेकेदारों की मिलीभगत का आरोप लगाया, गडकरी से दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया

Minister alleges NHAI-contractors collusion, urges Gadkari to take action against erring officials

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आज ठेकेदारों और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के बीच गहरी सांठगांठ का आरोप लगाया और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया।

अनिरुद्ध ने यहाँ पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में बन रही ज़्यादातर सड़कों के लिए वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के तहत दूसरे चरण की मंज़ूरी नहीं मिली है, लेकिन एनएचएआई के अधिकारी काम कर रहे ठेकेदारों के बिलों का भुगतान कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, “यह एफसीए का स्पष्ट उल्लंघन है और गडकरी को ऐसे अधिकारियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”

मंत्री ने कहा कि निर्माण कंपनियाँ दूसरे चरण की मंज़ूरी मिलने से पहले केवल कटिंग का काम ही कर सकती हैं। उन्होंने आगे कहा, “दूसरे चरण की मंज़ूरी के बिना, निर्माण कंपनियाँ पुल, रिटेनिंग वॉल या पुलों के लिए खंभे जैसी स्थायी संरचनाएँ नहीं खड़ी कर सकतीं। एफसीए के अनुसार, इस उल्लंघन के लिए कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया जाना चाहिए और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की जानी चाहिए।”

अनिरुद्ध ने दावा किया कि कालका-शिमला राजमार्ग के शोघी-ढल्ली खंड पर चार लेन के राजमार्ग निर्माण के लिए अभी केवल चरण-एक की मंज़ूरी मिली है, फिर भी वहाँ स्थायी ढाँचे बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा, “आखिर बिलों का भुगतान और भुगतान कौन कर रहा है? यह एनएचएआई के अधिकारियों पर गंभीर सवालिया निशान खड़ा करता है।”

मंत्री ने कहा कि एनएचएआई अधिकारियों और निर्माण कंपनियों के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज की गई हैं, लेकिन किसी भी एफआईआर पर शायद ही कोई कार्रवाई की गई है। उन्होंने आरोप लगाया, “बेहतर होगा कि प्रशासन और पुलिस इन मुद्दों पर समय पर कार्रवाई करें। इन मामलों में कार्रवाई में देरी विभागों की मिलीभगत को भी दर्शाती है

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