शिमला, 8 अगस्त राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) को नाथपा झाकड़ी बिजली विवाद के कारण भूमिहीन हुए 141 लोगों को एक माह के भीतर पांच बीघा तक भूमि का मालिकाना हक प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
परियोजना। मंत्री ने नाथपा झाकड़ी और बसपा जलविद्युत परियोजनाओं की पुनर्वास और पुनर्स्थापन सलाहकार समिति की राज्य स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह आदेश जारी किया। बैठक में सातवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नंद लाल भी मौजूद थे।
बिजली परियोजना के कारण 141 लोग भूमिहीन मंत्री ने सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वह नाथपा झाकड़ी विद्युत परियोजना के कारण भूमिहीन हुए 141 लोगों को एक माह के भीतर 5 बीघा तक भूमि का मालिकाना हक प्रदान करें।
एक अधिकारी के अनुसार, कुल भूमिहीन परिवारों में से 61 को विद्युत परियोजना में रोजगार दिया गया है तथा शेष को रोजगार के बदले वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।
जलविद्युत परियोजनाओं के अधिकारियों ने बताया कि झाकड़ी परियोजना क्षेत्र में 480 परिवार प्रभावित हुए हैं, इनमें से 141 परिवारों को भूमिहीन और 67 परिवारों को बेघर घोषित किया गया है। अधिकारियों ने समिति को बताया, “141 भूमिहीन परिवारों में से 61 परिवारों को बिजली परियोजना में रोजगार दिया गया है और शेष लोगों को रोजगार के बदले वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।”
समिति ने परियोजना से प्रभावित क्षेत्र में चलाए जा रहे अस्पतालों, स्कूलों एवं अन्य योजनाओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी ली तथा इन सेवाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए।
बैठक के दौरान जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें विस्थापित परिवारों को स्थायी नौकरी प्रदान करना, परियोजना के कुल उत्पादन का एक प्रतिशत रॉयल्टी के रूप में देना, स्थानीय लोगों के सहयोग से परियोजना क्षेत्र में हर वर्ष नए पौधे लगाना तथा सिंचाई एवं पेयजल की व्यवस्था करना शामिल है।
बैठक में अतिरिक्त सचिव (राजस्व) बलवान चंद, शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप, किन्नौर के उपायुक्त अमित कुमार, शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, रामपुर के एसडीएम निशांत तोमर और नाथपा झाकड़ी और बसपा परियोजनाओं के अधिकारी उपस्थित थे।
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