केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को आर्य (पीजी) कॉलेज, पानीपत में उद्योगों और प्रतिष्ठानों में ऊर्जा कुशल प्रौद्योगिकियों की तैनाती में सहायता (एडीईटीआईई) योजना का शुभारंभ किया।
यह पहल सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को व्यापक वित्तीय और तकनीकी सहायता के माध्यम से ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों में उन्नयन करने में सक्षम बनाकर भारत को निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था में परिवर्तित करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
1,000 करोड़ रुपये के बजटीय परिव्यय वाली एडीईटीआईई योजना का क्रियान्वयन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा किया जा रहा है।
इस योजना का उद्देश्य ऋणों पर अनुदान, निवेश-श्रेणी ऊर्जा लेखा-परीक्षण, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) और कार्यान्वयन-पश्चात निगरानी एवं सत्यापन (एम एंड वी) के माध्यम से संपूर्ण सहायता प्रदान करना है। इस योजना में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों के लिए ऋणों पर 5 प्रतिशत और मध्यम उद्यमों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करने का प्रावधान है, जिससे ऊर्जा दक्षता (ईई) परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता चाहने वाले एमएसएमई के लिए पहुँच और सामर्थ्य सुनिश्चित होगा।
खट्टर ने ADEETIE पोर्टल (adeetie.beeindia.gov.in) भी लॉन्च किया और योजना विवरणिका का अनावरण किया। यह पोर्टल लाभार्थियों के लिए वित्तपोषण प्रक्रिया को सुगम बनाएगा।
उन्होंने विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप आर्थिक विकास को गति देने में ऊर्जा के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण, विशेष रूप से एमएसएमई क्षेत्र में, की भूमिका पर प्रकाश डाला।
मंत्री ने कहा कि एडीईटीआईई योजना में शामिल विभिन्न प्रौद्योगिकियां एमएसएमई को ऊर्जा खपत में 30 से 50 प्रतिशत तक कमी लाने, बिजली-उत्पाद अनुपात में सुधार लाने तथा हरित ऊर्जा गलियारों के निर्माण में सहायता कर सकती हैं।
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