राजस्व मंत्री जगत नेगी ने आज कहा कि विमल नेगी की मौत के मामले में विभिन्न एजेंसियों द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “मुझे अभी आदेश पढ़ना बाकी है, ताकि यह समझ में आए कि किस आधार पर मामला सीबीआई को दिया गया है। चूंकि मामले में एक साथ कई जांच चल रही थीं, इसलिए हाईकोर्ट को जांच में कुछ विरोधाभास मिल सकता है।”
हालांकि, मंत्री ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “गुड़िया हत्याकांड की भी सीबीआई ने जांच की थी और हम जानते हैं कि क्या हुआ था। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता कहा था।”
इस बीच, विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वह पहले दिन से ही सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से पूछा कि जब मृतक का परिवार जांच से संतुष्ट नहीं है तो वह मामला सीबीआई को सौंपने के खिलाफ क्यों हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि नेगी की मौत को सिर्फ़ आत्महत्या के मामले के तौर पर नहीं बल्कि हत्या के नज़रिए से भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार के आरोप और संदेह हैं और शीर्ष अधिकारियों और यहां तक कि राजनेताओं पर भी उंगलियां उठ रही हैं। यह संगठित भ्रष्टाचार का मामला है।” उन्होंने कहा कि परिवार को अब न्याय मिलेगा और गलत काम करने वाले सलाखों के पीछे पहुंचेंगे।
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