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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का बाल विवाह मुक्त भारत के लिए 100 दिवसीय जागरूकता अभियान शुरू

Ministry of Women and Child Development launches 100-day awareness campaign for a child marriage-free India

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नई दिल्‍ली में गुरुवार को बाल विवाह मुक्त भारत के लिए 100 दिवसीय गहन जागरूकता अभियान का शुभारंभ किया। यह अभियान 8 मार्च 2026 तक चलेगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर की उपस्थिति में किया।

केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने एक ऐसा भारत बनाने के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराया, जहां हर बेटी और हर बेटा सम्मान, सुरक्षा और समान अधिकारों के साथ अपना भविष्य गढ़ सके।

उन्होंने कहा कि अभियान की पहली वर्षगांठ उपलब्धियों की समीक्षा और भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। बाल विवाह को कानूनी उल्लंघन और नैतिक अन्याय बताते हुए, उन्होंने सरकार के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिससे जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार, शिक्षा में लड़कियों के नामांकन में वृद्धि और महिलाओं एवं लड़कियों का समग्र सशक्तीकरण हुआ है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि केंद्र सरकार ने बालिकाओं की शिक्षा में निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए छात्रवृत्ति हेतु 1,827 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत की बेटियां विश्व स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं और एसटीईएम कार्यबल में 43 प्रतिशत हिस्सेदारी लड़कियों की है, जो दुनिया भर में सबसे ज्‍यादा हिस्सेदारी में से एक है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, स्वयं सहायता समूहों, आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, शिक्षकों, परामर्शदाताओं, वन स्टॉप सेंटरों और नागरिक समाज संगठनों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बाल विवाह की व्यापकता को कम करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया, ताकि यह लगभग न के बराबर हो जाए।

राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर ने अभियान की समुदाय आधारित और जमीनी स्तर पर केंद्रित प्रकृति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करना सामाजिक उत्तरदायित्व और सामूहिक सतर्कता पर आधारित एक सशक्त और विकसित भारत के निर्माण का मूल आधार है।

ठाकुर ने समय पर सूचना देने और रोकथाम में पंचायतों, धर्मगुरुओं, युवा समूहों और सामुदायिक नेटवर्क की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, पोषण अभियान और वन स्टॉप सेंटर जैसी प्रमुख योजनाओं का भी जिक्र किया, जिन्होंने जमीनी स्तर पर लड़कियों की सुरक्षा, पोषण, अधिकार और सहायता व्यवस्था को मजबूत किया है।

उन्होंने परिवारों और स्थानीय संस्थाओं से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि किसी भी बेटी की शादी कानूनी उम्र से पहले न हो, और इस बात पर जोर दिया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान एक सच्चा जन आंदोलन है।

इस शुभारंभ समारोह में बाल विवाह को समाप्त करने की राष्ट्रीय शपथ और जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले लोगों को प्रदर्शित करने वाली एक विशेष फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

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