July 29, 2025
Uttar Pradesh

सपा के लिए महिला सांसद की गरिमा से अधिक अल्पसंख्यक वोट बैंक महत्वपूर्ण : मंत्री बेबी रानी मौर्या

Minority vote bank is more important for SP than the dignity of a woman MP: Minister Baby Rani Maurya

लखनऊ, 28 जुलाई । उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्या ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सपा सांसद डिंपल यादव का जिस तरह से मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अपमान किया, उस पर सपा की चुप्पी बताती है कि इस पार्टी के लिए महिला गरिमा से अधिक अल्पसंख्यक वोट बैंक महत्वपूर्ण है।

अखिलेश यादव और उनकी पत्नी, सपा सांसद डिंपल यादव, नई दिल्ली में संसद मार्ग स्थित मस्जिद में गए। उनके साथ सपा के अन्य सांसद, जैसे मोहिबुल्लाह नदवी (रामपुर सांसद और मस्जिद के इमाम), धर्मेंद्र यादव, और ज़िया उर रहमान बर्क भी थे। इस दौरान वहां एक बैठक हुई, जिसकी तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए।

उन्होंने आगे कहा, इसके बाद मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने सपा प्रमुख की धर्मपत्नी एवं सांसद डिंपल यादव को “राजनीतिक हिंदू महिला” कहकर उनके पहनावे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने ऐसी आपत्तिजनक और मर्यादाओं के विपरीत टिप्पणियां की, जिनको सभ्य समाज ना सुनना पसंद करता है ना बोलना। यह एक महिला सांसद की गरिमा पर ही नहीं, अपितु एक भारतीय नारी और उसकी संस्कृति पर हमला था। हमारी विचारधारा और डिंपल यादव की विचारधारा भले ही अलग-अलग हों, लेकिन महिला का अपमान किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा सपा से अलग है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी किसी भी महिला का अपमान बर्दाश्त नहीं करती। उन्होंने कहा कि डिंपल यादव ने पूरी गरिमा और भारतीय मर्यादा के अनुरूप परिधान पहना था, फिर भी एक मौलाना ने उन्हें निशाना बनाया। क्या सपा अब मौलवियों के इशारे पर अपनी महिला सांसदों की गरिमा एवं उनका पहनावा भी तय करेगी? सपा प्रमुख डिंपल यादव के पति अखिलेश यादव की चुप्पी भी कहीं ना कहीं उनकी वोट बैंक की लालसा को दर्शाती है।

बेबी रानी मौर्य ने कहा कि सपा प्रमुख की चुप्पी यह भी दर्शाती है कि वे कट्टरपंथियों और तालिबानी मानसिकता रखने वालों के इतने बड़े समर्थक हैं कि सियासी फायदे के लिए वे अपनी स्वयं की धर्मपत्नी के अपमान पर भी मौन हैं। उन्होंने कहा, “आज डिंपल यादव पर टिप्पणी हुई है, कल किसी भी महिला पर हो सकती है। क्या अखिलेश यह संदेश देना चाहते हैं कि सत्ता के लिए उन्हें अपनी पत्नी का अपमान भी स्वीकार है?”

मंत्री ने कहा यह मुद्दा सिर्फ डिंपल यादव का नहीं, भारत की हर बेटी, हर महिला का है। मौलाना की जहरीली सोच को समर्थन देना सपा की सेक्युलर राजनीति का असली चेहरा उजागर करता है। बेबी रानी मौर्य ने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के महिला सशक्तीकरण के फर्जी नारों की पोल खुल गई है। “लड़की हूं लड़ सकती हूं” का नारा देने वाली प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपनी साथी महिला सांसद के अपमान पर मौन हैं। जब मामला वोट बैंक का हो तो राहुल हों या प्रियंका गांधी हों या अखिलेश यादव सबकी ज़ुबान पर ताले लग जाते हैं।

मंत्री ने कहा कि इस पूरे प्रकरण ने दो बातें बिल्कुल स्पष्ट कर दी हैं कि महिला सम्मान इन दलों के लिए एक स्थायी मूल्य नहीं, बल्कि राजनीतिक सुविधा है। समाजवादी पार्टी के लिए इस्लामिक वोट बैंक की नारागी से बचना, एक महिला सांसद की गरिमा से ज्यादा जरूरी है।

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