N1Live Punjab मोगा डीसी ने जिले में नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए एनसीओआरडी समिति के उपायों की समीक्षा की
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मोगा डीसी ने जिले में नशीली दवाओं के खतरे को रोकने के लिए एनसीओआरडी समिति के उपायों की समीक्षा की

डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने सोमवार को जिले में नशे की समस्या को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (एनसीओआरडी) के तहत जिला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. अंकुर गुप्ता और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

सारंगल ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने के लिए स्कूलों/कॉलेजों में नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा की जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे के बारे में जागरूक करने के लिए स्टेज नाटक, नाटक, स्किट या अन्य गतिविधियां आयोजित की जानी चाहिए।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिए कि वे नशे के हॉटस्पॉट क्षेत्रों में चिकित्सा शिविर आयोजित करें तथा नशे के हानिकारक प्रभावों के बारे में जानकारी दें। इसके अलावा ओ.ओ.ए.टी., पुनर्वास केंद्रों के बारे में भी जानकारी दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि नशे के खिलाफ इस अभियान को जन आंदोलन में तब्दील किया जाना चाहिए, जो राज्य से नशे को खत्म करने में सहायक हो सकता है।

डिप्टी कमिश्नर ने यह भी कहा कि नशीली दवाओं की आपूर्ति लाइन पहले ही टूट चुकी है और अब समय आ गया है कि इस अभियान के तहत लोगों के पूरे दिल से समर्थन के माध्यम से नशीली दवाओं की मांग की जांच की जाए।

सारंगल ने पंजाब सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस ने नशा तस्करों पर पहले ही बड़ी कार्रवाई की है, जिसके कारण बड़े नशा तस्कर सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों ने आतंकवाद का सफलतापूर्वक मुकाबला किया है और अब समय आ गया है कि सभी एकजुट होकर नशे के खिलाफ निरंतर दबाव बनाएं।

उन्होंने कहा कि युवाओं के हितों की रक्षा करने तथा नशे की बुराई से छुटकारा पाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

डीसी ने एडीसी और एसडीएम से यह सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया कि उनके अधिकार क्षेत्र में नियमित जागरूकता अभियान चलाए जाएं, जहां नागरिक और पुलिस प्रशासन के अधिकारी लोगों को नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों के बारे में शिक्षित करें और उन्हें स्वस्थ जीवन शैली चुनने के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जी) श्रीमती चारुमिता और एसडीएम सारंगप्रीत सिंह औजला को जिला मोगा में चल रहे ओओएटी क्लीनिकों, निजी नशा मुक्ति केंद्रों और पुनर्वास केंद्रों की नियमित जांच करने के लिए कहा।  

इसी प्रकार ड्रग इंस्पेक्टर को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित करें कि किसी भी केमिस्ट द्वारा कोई प्रतिबंधित दवा न बेची जाए।उन्होंने कहा कि भविष्य में यह बैठक हर माह आयोजित की जाएगी।

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