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मानसून के कहर से मंडी में 770 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान

Monsoon havoc causes loss of more than Rs 770 crore in Mandi

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) डॉ. मदन कुमार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 जून को मंडी जिले में आई बारिश की आपदा ने कई विभागों में व्यापक विनाश किया है, जिससे कुल 770.68 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।

विभागवार विस्तृत रिपोर्ट से पता चलता है कि मानसून की बारिश और उससे संबंधित भूस्खलन, बाढ़ और सड़क दुर्घटना के कारण बुनियादी ढांचे, कृषि, बागवानी, शिक्षा, बिजली, पानी और स्वास्थ्य क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ है।

सबसे ज़्यादा प्रभावित विभागों में लोक निर्माण विभाग शामिल है, जिसने मंडी ज़िले के धर्मपुर, थुनाग और करसोग उप-मंडलों में 357.25 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी है, जिसका मुख्य कारण सड़कें, पुल और पुलियाएँ नष्ट होना है। सड़क संपर्क को हुए व्यापक नुकसान ने राहत कार्यों में बाधा डाली है और ज़िले के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में आवाजाही बाधित हुई है। जल शक्ति विभाग को 198.09 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है, जिससे ज़िले भर में जलापूर्ति का बुनियादी ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड ने भी 3.82 करोड़ रुपये से ज़्यादा के नुकसान की सूचना दी है।

बागवानी उप निदेशक ने 31.20 करोड़ रुपये से ज़्यादा के नुकसान की सूचना दी, जबकि कृषि उप निदेशक ने 8.35 करोड़ रुपये से ज़्यादा के नुकसान की सूचना दी। ये आँकड़े कृषक समुदाय, खासकर सेब उत्पादकों और सब्ज़ी उत्पादकों पर पड़े भारी असर को दर्शाते हैं, जिन्हें अपनी उपज बाज़ारों तक पहुँचाने में काफ़ी मुश्किल हो रही है।

शैक्षणिक संस्थानों को भी भारी नुकसान हुआ है। प्राथमिक और उच्च शिक्षा विभागों ने स्कूल भवनों और शिक्षण बुनियादी ढांचे के क्षतिग्रस्त होने के कारण क्रमशः 6.36 करोड़ रुपये और 7.82 करोड़ रुपये तक के नुकसान की सूचना दी है। वन विभाग ने 2.04 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने भी 3 करोड़ रुपये के नुकसान की सूचना दी है।

इसके अतिरिक्त, पटीकरी पावर हाउस लिमिटेड (गोहर) ने 85 करोड़ रुपये का भारी नुकसान दर्ज किया है, जो स्थानीय जलविद्युत परियोजनाओं को हुए नुकसान को दर्शाता है। डीआरडीए मंडी ने भी 58 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान की सूचना दी है, जिससे विभिन्न ग्रामीण विकास कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं।

इसी प्रकार मत्स्य विभाग को 1.19 करोड़ रुपये, नगर निगम को 6.64 करोड़ रुपये, पशुपालन विभाग को 1.13 करोड़ रुपये, आयुष विभाग को 20 लाख रुपये तथा एचआरटीसी को 35.77 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

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