राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने आज विमल नेगी की मौत के मामले में सीबीआई पर निष्क्रियता का आरोप लगाया।
विमल नेगी की मौत के मामले में एफआईआर में नामजद अधिकारी का निलंबन रद्द करने के बारे में पूछे जाने पर राजस्व मंत्री ने कहा, “सीबीआई क्या कर रही है? कितने महीने बीत गए? क्या यह पता लगाना कोई रॉकेट साइंस है कि किसी को आत्महत्या के लिए कैसे मजबूर किया गया? वे इसे साबित क्यों नहीं कर पाए?”
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 23 मई को यह मामला राज्य पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंप दिया था। नेगी का शव 18 मार्च को बिलासपुर में गोबिंदसागर झील से मिला था, जिसके बाद परिवार ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में नेगी के उच्च अधिकारियों के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
मंत्री ने आगे दावा किया कि राज्य सरकार मामले की जाँच सीबीआई से बेहतर तरीके से कर रही थी। नेगी ने कहा, “अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और विभाग से उनका तबादला कर दिया गया। इसकी जाँच के लिए एक विशेष जाँच दल और उच्चाधिकार प्राप्त समिति भी गठित की गई।” उन्होंने कहा, “हालांकि, भाजपा सीबीआई जाँच की माँग करती रही और मामला अदालत में चला गया। अब इस मामले की जाँच सीबीआई को करनी है।”
एफआईआर में नामजद अधिकारियों का निलंबन रद्द करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि जब तक वे दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक उनके खिलाफ कोई और कार्रवाई नहीं की जा सकती। नेगी ने कहा, “उन्हें निलंबित करने की एक निश्चित अवधि होती है। उस अवधि के बाद उन्हें बहाल करना होगा, अन्यथा उन्हें अदालत जाने का अधिकार है।”