अगले दो-तीन दिनों में राज्य के कुछ हिस्सों से मानसून की वापसी शुरू हो जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार, जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगे इलाकों से मानसून की वापसी शुरू हो जाएगी। मौसम विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “राज्य में दक्षिण-पश्चिम मानसून की मौसमी (जून से सितंबर) बारिश सामान्य रही है। राज्य में सामान्य बारिश 734.4 मिमी के मुकाबले 600.9 मिमी बारिश हुई, जो माइनस 18 प्रतिशत की गिरावट है।”
विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य में पिछले 124 वर्षों में इस मानसून सत्र में 97वीं सबसे अधिक वर्षा (600.9 मिमी) हुई। वर्ष 1901 से 2024 की अवधि के लिए सबसे अधिक वर्षा (1,314.6 मिमी) वर्ष 1922 में दर्ज की गई थी। 27 जून को राज्य में आए मानसून में जून में सामान्य से 54 प्रतिशत की कमी रही, जबकि वास्तविक वर्षा 101.1 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 46.2 मिमी हुई।
जुलाई में यह कमी घटकर माइनस 29 प्रतिशत रह गई, जिसमें वास्तविक वर्षा 180.5 मिमी रही, जबकि सामान्य वर्षा 255.9 मिमी होती है। अगस्त में मानसून ने गति पकड़ी और राज्य में सामान्य 256.8 मिमी के मुकाबले 243.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें केवल माइनस 5 प्रतिशत की कमी रही।
हालांकि, सितंबर में सामान्य से 4 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई, जिससे कुल मिलाकर सामान्य से माइनस 18 प्रतिशत की गिरावट आई। शिमला स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा, “सामान्य से प्लस, माइनस 19 प्रतिशत की बारिश को सामान्य माना जाता है।”
मौसम विभाग के अनुसार, 6 जुलाई को धर्मशाला, 1 अगस्त को पालमपुर और 26 सितंबर को धौलाकुआं में अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई। जून महीने में केवल एक दिन, जुलाई में छह दिन, अगस्त में सात दिन और सितंबर में तीन दिन अत्यधिक भारी बारिश दर्ज की गई।