हरित महाकुंभ में जुटेंगे 1000 से ज्यादा पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता
8 जनवरी, महाकुम्भ नगर । महाकुम्भ प्रयागराज संस्कृति और आध्यात्म के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश प्रसारित कर रहा है। यहां 31 जनवरी को हरित महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें देश भर से 1000 से ज्यादा पर्यावरण और जल संरक्षण कार्यकर्ता हिस्सा ले रहे हैं। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के ‘ज्ञान महाकुम्भ – 2081’ के कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत यह विशिष्ट कार्यक्रम प्रयागराज महाकुंभ में आयोजित किया जाना है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ज्ञान महाकुंभ के मुख्य संरक्षक हैं।
हरित महाकुम्भ के अंतर्गत प्रकृति, पर्यावरण, जल समेत स्वच्छता से संबंधित मसलों पर राष्ट्रीय स्तर की चर्चा होगी। प्रकृति के पांच तत्वों के संतुलन और उनसे जुड़ी चुनौतियों पर विशेषज्ञ अपनी राय और अनुभव साझा करेंगे। इसके अतिरिक्त महाकुम्भ में आ रहे लोगों को पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने और इस संबंध में चलाए जा रहे अभियान को लेकर भी चर्चा होगी।
पर्यावरण संरक्षण कार्यकर्ता राम बाबू तिवारी ने बताया कि हरित महाकुंभ को लेकर तैयारी चल रही है। इसमें देश भर के पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण से जुड़े कार्यकर्ता और विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे। महाकुंभ में हिस्सा लेने आ रहे श्रद्धालुओं को किस तरह पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के अभियान से जोड़ा जाए, इस पर भी व्यापक चर्चा और विमर्श किया जाएगा।
वहीं, योगी सरकार के दिव्य, भव्य और स्वच्छ महाकुंभ के संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए सरकारी एजेंसियों, जनप्रतिनिधि से लेकर शहर के सभी नगरवासी प्रयास कर रहे हैं। स्वच्छ महाकुम्भ का संदेश लेकर शहर में स्वच्छ रथ यात्रा का आयोजन इसी का हिस्सा है, जिसमें बड़ी संख्या में जन सहभागिता देखने को मिली।
महाकुंभ नगर का रास्ता प्रयागराज शहर से होकर गुजरता है। ऐसे में महाकुंभ आने वाले सभी श्रद्धालु और पर्यटक जब शहर के बीच से गुजरेंगे तब उन्हें स्वच्छ प्रयागराज की झलक भी देखने को मिले इसी संकल्प को लेकर शहर में स्वच्छ रथ यात्रा निकाली गई।
मेयर गणेश केशरवानी का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्वच्छ महाकुंभ के संकल्प को लेकर स्वच्छता रथ निकाला गया है। प्रयागराज स्वच्छ , स्वस्थ और अनुशासित हो इसके लिए यह जन जागरण यात्रा निकाली गई है। लोगों से अपील की जा रही है कि इधर-उधर कूड़ा न फेंके, डस्टबिन का उपयोग करें, सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें। इसमें स्थानीय नागरिकों का बढ़ चढ़कर सहयोग मिल रहा है।