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पीएम किसान सम्मान निधि से 11 करोड़ से अधिक किसानों को मिला लाभ, जानिए योजना के बारे में सबकुछ

More than 11 crore farmers got benefit from PM Kisan Samman Nidhi, know everything about the scheme

नई दिल्ली, 18 जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को वाराणसी में पीएम-किसान योजना की 17वीं किस्त जारी करेंगे। इसके तहत 9.26 करोड़ से अधिक किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिलेगा।

अब तक देशभर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जा चुका है और 17वीं किस्त जारी होने के साथ, योजना की शुरुआत के बाद से लाभार्थियों को हस्तांतरित की गई कुल राशि 3.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।

लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया था। शपथ ग्रहण के महज 16 घंटे बाद पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त जारी करने के लिए फाइल पर हस्ताक्षर किए थे।

आइए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं और आपको यह भी बताते हैं कि इस योजना की शुरुआत कब हुई।

भारत सरकार ने देश में किसान परिवारों के लिए सकारात्मक पूरक आय सहायता की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए एवं उत्पादक, प्रतिस्पर्धी, विविध, समावेशी और टिकाऊ कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 2 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की शुरुआत की।

योजना के तहत प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण मोड के माध्यम से पात्र किसान परिवारों के बैंक खातों में प्रति वर्ष 6000/- अर्थात 2000/- (प्रत्येक चार महीने में) हस्तांतरित किए जाते हैं। यह पहल दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजनाओं में से एक है, जो पारदर्शी नामांकन, प्रमाणीकरण और राष्ट्रव्यापी कवरेज के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का लाभ उठाती है। बिचौलियों की भूमिका को खत्म करके, यह योजना सभी योग्य किसानों तक समान समर्थन सुनिश्चित करती है, जो कृषि सशक्तीकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम-किसान योजना ने भारत के कृषि क्षेत्र को और अधिक उन्नत बनाया है।

यह योजना किसानों की चुनौतियों का समाधान करके, संसाधनों तक पहुंचने में उनको महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के माध्यम से उन्हें फसल रखरखाव में निवेश करने, पैदावार को अनुकूलित करने और प्रत्येक चक्र के साथ अपने अनुमानित आय स्तर तक पहुंचने में सक्षम बनाया जाता है। इस प्रकार पीएम-किसान ने साहूकारों पर किसानों की निर्भरता को समाप्त कर दिया है, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा दिया है और भविष्य के लिए किसानों की आजीविका सुरक्षित की है।

पीएम-किसान : सहकारी संघवाद का श्रेष्ठ उदाहरण यह योजना सहकारी संघवाद का एक उचित उदाहरण प्रस्तुत करती है, क्योंकि राज्य किसानों की पात्रता को पंजीकृत और सत्यापित करते हैं। जबकि, भारत सरकार इस योजना के लिए 100% धन मुहैया कराती है।

पीएम-किसान : समावेशिता को बढ़ावा देना इस योजना के तहत चार लाभार्थियों में से कम से कम एक महिला किसान हैं। यही नहीं 85% से अधिक छोटे और सीमांत किसान योजना के लाभार्थी हैं, जिससे प्रतीत होता है कि इसके अंतर्गत सभी लाभार्थियों को सामान रूप से शामिल किया गया (समावेशित) है।

पारदर्शिता के लिए टेक्नोलॉजी योजना को अधिक कुशल, प्रभावी और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से, किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे में निरंतर सुधार किए गए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दलालों की भागीदारी के बिना देश भर के सभी किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है। पीएम-किसान पोर्टल को यूआईडीएआई, पीएफएमएस, एनपीसीआई और आयकर विभाग के पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया है। किसानों को त्वरित सेवाएं प्रदान करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश और अन्य सभी हितधारक पीएम-किसान मंच पर शामिल हैं। जबकि, किसान अपनी शिकायतें पीएम-किसान पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं, प्रभावी और समय पर समाधान के लिए 24×7 कॉल सुविधा की मदद ले सकते हैं।

भारत सरकार ने ‘किसान ई-मित्र’ (एक आवाज-आधारित एआई चैटबॉट) भी विकसित किया है, जो किसानों को वास्तविक समय में अपनी भाषा में प्रश्न पूछने और उनका समाधान करने में सक्षम बनाता है। किसान-ई मित्र अब 11 भाषाओं यानी अंग्रेजी, हिंदी, उड़िया, तमिल, बांग्ला, मलयालम, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तेलुगु और मराठी में उपलब्ध है। पीएम-किसान के तहत अन्य तकनीकी हस्तक्षेपों में पात्र किसानों को योजना से सम्बंधित सेवाएं प्रदान करने के लिए देश भर में 5.0 लाख से अधिक सामान्य सेवा केंद्रों को शामिल करना शामिल है। इंडियन पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) को पीएम किसान योजना से जोड़ने से लाभार्थियों के आधार बैंक खाते उनकी सुविधानुसार बिना किसी परेशानी के खोलने की सुविधा मिल गई है।

भारत सरकार, पीएम किसान योजना का विस्तार करने एवं किसानों की 100% संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए किसान सेवाओं के लिए एक आधुनिक प्रौद्योगिकी उपकरण एग्री स्टैक का उपयोग कर रही है। एग्री स्टैक, आधार का उपयोग करने वाले सभी किसानों को एक किसान आईडी प्रदान करेगा, जिसे भूमि और उनकी बोई गई फसलों से जोड़ा जाएगा। यह हमारे किसानों के लिए सक्रिय ढंग से लाभ सुनिश्चित करने में राज्यों और केंद्र सरकार की मदद करेगा। एग्री स्टैक से न केवल पीएम किसान को फायदा होगा, बल्कि इसके माध्यम से किसान कई अन्य योजनाओं और सेवाओं से जुड़ सकेंगे।

पीएम-किसान : उपलब्धियां और सम्मान पीएम-किसान योजना के तहत अब तक देश भर में 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.04 लाख करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा चुकी है। 17वीं किस्त जारी होने के साथ, किसानों को जारी की गई कुल धनराशि 3.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी।

इसमें से 1.75 लाख करोड़ रुपये पात्र किसानों को कोविड अवधि के दौरान हस्तांतरित किए गए, जब उन्हें प्रत्यक्ष नकद लाभ राशि की सबसे अधिक आवश्यकता थी। इसके अलावा, हाल ही में, 2.60 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों में केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान, 6 लाख विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) किसानों सहित, 1 करोड़ से अधिक पात्र किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना से जोड़ा गया।

पिछले पांच वर्षों में, इस योजना ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इस योजना ने अपनी व्यापक दृष्टि, पैमाने और पात्र किसानों के खातों में सीधे धन के निर्बाध हस्तांतरण के लिए विश्व बैंक सहित विभिन्न संगठनों से प्रशंसा प्राप्त की है। अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आईएफपीआरआई) द्वारा उत्तर प्रदेश के किसानों के बीच किए अध्ययन से ज्ञात हुआ है कि पीएम-किसान के तहत अधिकांश किसानों तक लाभ पहुंचा, और उन्हें बिना किसी बाधा के पूरी राशि प्राप्त हुई। अध्ययन के अनुसार, पीएम-किसान के तहत सहायता राशि प्राप्त करने वाले किसानों द्वारा कृषि उपकरण, बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की खरीद में निवेश की संभावना अधिक थी।

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