केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद को बताया कि अगस्त 2019 में लॉन्च की गई जल जीवन मिशन (जेजेएम)-हर घर जल स्कीम के तहत 17 मार्च तक 12.3 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों को पीने के पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है। जल शक्ति राज्य मंत्री वी सोमन्ना ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया कि देश में पीने के पानी का कनेक्शन वाले ग्रामीण परिवारों की संख्या अगस्त 2019 में 3.23 करोड़ (16.7 प्रतिशत) से बढ़कर 17 मार्च 2025 तक 15.53 करोड़ हो गई है, जो भारत के कुल ग्रामीण परिवारों का 80.2 प्रतिशत है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शेष 3.83 करोड़ परिवारों के लिए कार्य संबंधित राज्य या केंद्र शासित प्रदेश द्वारा योजना के अनुसार किया जा रहा है।
मिशन का प्रारंभिक अनुमानित व्यय 3.60 लाख करोड़ रुपये था, जिसमें से केंद्र का हिस्सा 2.08 लाख करोड़ रुपये था। मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत संपूर्ण केंद्रीय हिस्सा लगभग खर्च किया जा चुका है।
सोमन्ना ने कहा कि इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण 2025-26 में जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाने की घोषणा की है। साथ ही, इस योजना के कुल व्यय में वृद्धि की गई है।
केंद्र, राज्यों के साथ साझेदारी में जल जीवन मिशन योजना का संचालन कर रहा है, जिससे देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को गुणवत्ता पूर्ण जल, नियमित और दीर्घकालिक आधार पर कनेक्शन के माध्यम से उपलब्ध कराया जा सके।
उन्होंने कहा कि पानी राज्य का विषय है, इसलिए पेयजल आपूर्ति योजनाओं की योजना, अनुमोदन, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कई समीक्षा बैठकों, क्षेत्रीय दौरों आदि के माध्यम से सलाह दी गई है कि वे जेजेएम मानकों के अनुसार, आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता सहित अन्य बातों के साथ-साथ प्रदान किए गए नल जल कनेक्शनों की कार्यक्षमता सुनिश्चित करें।
सोमन्ना ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को समय-समय पर जल की गुणवत्ता की जांच करने और जहां भी आवश्यक हो, सुधारात्मक कार्रवाई करने की सलाह दी गई है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि घरों में आपूर्ति किया जाने वाला जल निर्धारित गुणवत्ता का हो।
–आईएएनएस
एबीएस/
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