January 15, 2025
Haryana

6 वर्षों में एजेंटों और अवैध आव्रजन के विरुद्ध 2 हजार से अधिक मामले दर्ज

More than 2 thousand cases registered against agents and illegal immigration in 6 years

पिछले छह वर्षों में पुलिस ने फर्जी ट्रैवल एजेंटों और अवैध आव्रजन के खिलाफ 2,606 मामले दर्ज किए हैं, जिसमें करनाल सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने कहा कि 2019 में 213 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद 582 (2020), 183 (2021), 300 (2022), 750 (2023) और अक्टूबर 2024 के अंत तक 578 मामले दर्ज किए गए।

पिछले छह सालों में करनाल जिले में सबसे ज़्यादा 658 मामले दर्ज किए गए हैं। इसी अवधि में कुरुक्षेत्र में 574, अंबाला में 457, कैथल में 256, यमुनानगर में 217 और पानीपत में 106 मामले दर्ज किए गए।

पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हेल्पलाइन नंबर 8053003400 स्थापित किया गया है तथा प्रत्येक जिले में डीएसपी रैंक के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

इसके साथ ही एसपी समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ट्रैवल एजेंटों पर नकेल कसने के निर्देश दिए गए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि एसपी को प्राप्त शिकायतों की संख्या, दर्ज एफआईआर, पकड़े गए अपराधियों और अपराधियों से वसूली गई रकम पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।

नये कानून में अवैध आव्रजन गतिविधियों में संलिप्त धोखेबाज एजेंटों के मकान, दुकान और अन्य संपत्ति को जब्त करने का प्रावधान भी शामिल है। डीजीपी ने कहा कि पिछले 18 महीनों में राज्य में अवैध आव्रजन से संबंधित 1,245 दर्ज मामलों में 1,014 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।

ट्रैवल एजेंट नकली टिकट और वीज़ा प्रदान कर सकते हैं, जिसके कारण किसी व्यक्ति को हवाई यात्रा से वंचित किया जा सकता है। कभी-कभी, लोगों को ईमेल आदि के माध्यम से प्रस्तुत नकली नौकरी की पेशकश और आधिकारिक दिखने वाले दस्तावेज़ों से गुमराह किया जाता है।

प्रवक्ता ने कहा, “अक्सर, निर्दोष और बेरोजगार युवा विदेश में नौकरी पाने के नाम पर अवैध आव्रजन के जाल में फंस जाते हैं। पंजाब और हरियाणा में ऐसे मामलों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है।”

कपूर ने कहा कि लोगों को बिना जांच पड़ताल के किसी भी एजेंट पर भरोसा नहीं करना चाहिए। लोगों की सुविधा के लिए हरियाणा पुलिस की वेबसाइट https://haryanapolice.gov.in/login पर अधिकृत और अनाधिकृत एजेंटों की सूची अपलोड कर दी गई है। अगर कोई व्यक्ति इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होता है तो उसे तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देनी चाहिए।

Leave feedback about this

  • Service