March 11, 2025
Haryana

वर्ष 2025 की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत में 3.25 लाख से अधिक मामले सुलझाए गए

More than 3.25 lakh cases were resolved in the first National Lok Adalat of the year 2025

हरियाणा के सभी 22 जिलों और 34 उपखंडों में आयोजित वर्ष की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान कल 3,25,000 से अधिक मामलों – मुकदमे से पहले के और लंबित दोनों – का निपटारा किया गया। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (HALSA) के तहत आयोजित इस पहल ने वादियों को आपसी समझौते के माध्यम से विवादों को तेजी से सुलझाने के लिए एक मंच प्रदान किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के माध्यम से बड़े पैमाने पर यह अभ्यास किया गया, जिसने मामलों की सुनवाई के लिए राज्य भर में 174 बेंच स्थापित किए। उठाए गए विवादों में सिविल मुकदमे, वैवाहिक विवाद, मोटर दुर्घटना दावे, बैंक ऋण वसूली, चेक-बाउंस मामले, ट्रैफ़िक चालान और समझौता योग्य आपराधिक अपराध सहित व्यापक स्पेक्ट्रम शामिल थे। इसके अतिरिक्त, एडीआर केंद्रों में कार्यरत स्थायी लोक अदालतों (सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं) को संदर्भित 3,80,000 से अधिक मामलों को समाधान के लिए बेंचों के समक्ष रखा गया।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की न्यायाधीश एवं एचएएलएसए की कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति लिसा गिल ने सभी जिलों एवं उपविभागों में निर्बाध संचालन सुनिश्चित करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही की निगरानी की।

“राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य एक कुशल वैकल्पिक विवाद समाधान तंत्र प्रदान करना है, जिससे वादी अपने मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा सकें, जिससे अदालतों पर बोझ कम हो।”

लोक अदालतों द्वारा पारित निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होते हैं तथा जिन मामलों में समझौता हो जाता है, उनमें पक्षकार अपनी न्यायालय फीस की वापसी के हकदार होते हैं।

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