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कांगड़ा जिले में 7,500 से अधिक प्रवासी श्रमिक पंजीकृत

More than 7,500 migrant workers registered in Kangra district

राज्य में प्रवासियों की आमद पर मचे बवाल के बाद कांगड़ा प्रशासन ने जिले में 7,565 श्रमिकों को पंजीकृत किया है। पालमपुर क्षेत्र में प्रवासियों की अधिकतम संख्या दर्ज की गई है।

सूत्रों ने ट्रिब्यून को बताया कि बीड़ पुलिस स्टेशन में अब तक 80 प्रवासी श्रमिक पंजीकृत किए गए हैं, धर्मशाला में 602, शाहपुर में 337, कांगड़ा में 933, भवारना में 649, नगरोटा बगवां में 175, पालमपुर में 1,098, लंबागांव में 459, बैजनाथ में 1,691, मैक्लोडगंज में 614, पंचरुखी में 493 और गग्गल पुलिस स्टेशन में 434 प्रवासी पंजीकृत किए गए हैं।

पंजीकृत प्रवासियों में जम्मू-कश्मीर से 725, उत्तर प्रदेश से 3,135, बिहार से 1,353, नेपाल से 132, झारखंड से 402 और अन्य राज्यों से 1,818 लोग शामिल हैं।

पंजीकृत प्रवासी आमतौर पर निर्माण मजदूर के रूप में काम करते हैं। पुलिस ने जिले में रह रहे प्रवासी श्रमिकों को अपना पंजीकरण कराने के निर्देश जारी किए थे। सूत्रों ने बताया कि अधिकांश प्रवासी श्रमिक स्थानीय या अन्य ठेकेदारों के लिए काम कर रहे थे।

प्रवासी कुछ स्थानों पर कूड़ा बीनने या विक्रेता के रूप में भी काम कर रहे थे।

धर्मशाला में हाल ही में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान व्यापारियों ने मांग की थी कि राज्य में रहने वाले “अनधिकृत” प्रवासियों को स्ट्रीट वेंडर के रूप में काम करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। व्यापारियों का मानना ​​था कि वेंडर के रूप में काम करने वाले प्रवासी स्थानीय लोगों के व्यापार को खा रहे हैं।

कई लोगों ने जिले में चोरी की बढ़ती घटनाओं को प्रवासियों की बढ़ती संख्या से भी जोड़ा है।

यद्यपि ठेकेदारों के लिए उनके यहां काम करने वाले प्रवासी मजदूरों का पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य था, लेकिन आमतौर पर इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता था।

संजौली मस्जिद मामले के बाद राज्य भर में मचे बवाल के बाद पुलिस ने सभी प्रवासी श्रमिकों को नजदीकी पुलिस थानों में पंजीकरण कराने के निर्देश जारी किए थे।

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