January 20, 2025
National

आठ साल में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए चार लाख से ज्यादा बैकलॉग रिक्तियां भरी गईं

More than four lakh backlog vacancies filled for SC, ST and OBC in eight years

नई दिल्ली, 20 दिसंबर । अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सरकारी नौकरियों में साल 2016 से अब तक चार लाख से अधिक बैकलॉग रिक्तियां भरी गई हैं।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मामलों के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राज्यसभा को बताया, “रिक्तियों का होना और उनका भरना, जिसमें बैकलॉग आरक्षित रिक्तियां भी शामिल हैं, एक सतत प्रक्रिया है।”

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों की पहचान करने, रिक्तियों के मूल कारणों का अध्ययन करने, उन कारणों को दूर करने के उपाय शुरू करने और विशेष भर्ती अभियान सहित उन्हें भरने के लिए एक आंतरिक समिति गठित करने के निर्देश जारी किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आरक्षण से संबंधित आदेशों और निर्देशों का उचित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के प्रत्येक मंत्रालय/विभाग को उप सचिव और उससे ऊपर के रैंक के एक अधिकारी को संपर्क अधिकारी के रूप में नामित करना आवश्यक है।

प्रत्येक मंत्रालय/विभाग के लिए संपर्क अधिकारी की सहायता के लिए एक विशेष रिजर्वेशन सेल भी स्थापित करना आवश्यक है।

एक अन्य सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ की नीति के अनुरूप ‘सरकार में निर्णय लेने में दक्षता बढ़ाने की पहल’ शुरू की है।

निर्णय लेने में दक्षता बढ़ाने की पहल को केंद्रीय सचिवालय कार्यालय प्रक्रिया नियमावली में शामिल किया गया है, जिसमें विभिन्न स्तरों की समाप्ति, एक अधिकारी की अनुपस्थिति में दूसरे को काम सौंपना, डिजिटलीकरण और डेस्क अधिकारी सिस्टम पर ध्यान केंद्रित करते हुए चार आयामी दृष्टिकोण अपनाया गया है।

इसे सभी मंत्रालयों/विभागों में लागू किया गया है। सरकार ने नवंबर 2024 में मंत्रालयों/विभागों में निपटान के स्तरों और सबमिशन के चैनलों की समीक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं कि इनके स्तर चार से अधिक न हों।

‘मिशन कर्मयोगी’ सरकारी कर्मचारियों के दृष्टिकोण, कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की एक पहल है।

मिशन का लक्ष्य कार्यात्मक के साथ व्यावहारिक दक्षताओं पर डोमेन क्षमता बढ़ाना है।

मिशन की एक प्रमुख विशेषता डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म – आईजीओटी कर्मयोगी है, जो सिविल सेवकों को शासन, नीति कार्यान्वयन और टेक्नोलॉजी में अपने कौशल को उन्नत करने में मदद करने के लिए 1,500 से अधिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह अधिक कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण सुनिश्चित करने में मददगार है और सार्वजनिक सेवा में दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद करता है।

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