राज्यसभा सदस्य सतनाम सिंह संधू ने विदेश मंत्रालय से रूस में फंसे पंजाबी युवकों की वापसी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
विदेश मंत्रालय को लिखे पत्र में उन्होंने तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि युवकों को कथित तौर पर आकर्षक नौकरियों का वादा किया गया और फिर उन्हें रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया।
उन्होंने कहा, “जब वे रूस पहुंचे तो इन युवाओं को कथित तौर पर अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया और रूसी सेना में प्रशिक्षण के लिए मजबूर किया गया तथा उन्हें रूस-यूक्रेन संघर्ष क्षेत्र के पास तैनात किया गया।”
संधू ने कहा, “मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 126 भारतीय नागरिक रूस गए थे, जिन्होंने बाद में रूसी सेना में सेवा की। उनमें से 96 को सेना से छुट्टी मिल गई है और वे भारत लौट आए हैं। 12 भारतीय नागरिक युद्ध में मारे गए, जबकि 18 अभी भी वहीं हैं। उनमें से 16 का कोई अता-पता नहीं है।”
संधू ने कहा कि वह स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं अपने युवाओं और उनके अभिभावकों से भी आग्रह करता हूँ कि वे सतर्क रहें और विदेश में आकर्षक अवसरों का वादा करने वाले धोखेबाज एजेंटों के झांसे में न आएँ।”